मध्य प्रदेश उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग एक) चयन परीक्षा 2023 में पद वृद्धि की मांग को लेकर शिक्षकों ने रीवा समेत प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ ही सरकारी कार्यालय का घेराव भी किया. लेकिन उसके बाद भी इनकी मांग का कोई निराकरण नहीं हो रहा है. वर्ग एक के चयनित अभ्यार्थियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर विधानसभा अध्यक्ष, सांसद और विधायक तक को अपनी नियुक्ति के लिए ज्ञापन सौंपे, बावजूद इसके चयनित शिक्षकों को कोई भी आश्वासन नहीं मिला.
विंध्य फर्स्ट की टीम ने चयनित शिक्षकों से बात की, उनका साफ तौर पर कहना है कि अगर सरकार पद वृद्धि कर देती है तो हम सरकार का पूरा समर्थन करेंगे. लेकिन मांग पूरी नहीं की गई तो आने वाली सरकार का समर्थन भी नहीं करेंगे.
चयनित शिक्षकों का कहना है कि 2018 में 26 हज़ार पद निकाले गए थे लेकिन साल 2023 में सिर्फ 82 सौ पद ही निकाले गए. जिसमें से 60 प्रतिशत पद बैकलॉग के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं. अब सिर्फ 40 प्रतिशत सीटें ही बची हैं, ये हम लोगों के साथ अन्याय है.
पूरे मध्य प्रदेश में 35 हजार पद रिक्त हैं. केवल रीवा जिले में 3 हजार 999 पद खाली हैं, उसके बाद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. जबकि ये शिक्षक प्री और मेंस दोनों परीक्षाएँ पास कर चुके हैं फिर भी नियुक्ति नहीं दिया जा रही है. शिक्षकों का कहना है कि अच्छे नंबर लाने का क्या मतलब? अगर सरकार ऐसे ही करती रहेगी तो प्रदेश का युवा बेरोजगारी और भुखमरी से जूझता रहेगा.
इन शिक्षकों दूसरी मांग है कि कोरोना के कारण जिस तरह अन्य भर्ती परीक्षाओं के लिए आयु सीमा बढ़ा दी गई है वैसे ही इनके लिए भी आयु सीमा बढ़ाई जाए. तीसरी मांग है कि मध्यप्रदेश में ऑल इंडिया फाइटिंग के इस नियम को हटा दिया जाए. जैसे उत्तरप्रदेश, बिहार का नियम है कि वहां किसी भी अन्य राज्य के बच्चे उस राज्य की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं. ठीक उसी तरह से मध्य प्रदेश में भी एक मानदंड लागू किया जाए. अगर दूसरे राज्यों के बच्चे उस परीक्षा में बैठते भी हैं तो एक सीमित अनुपात में बैठें इसका एक दायरा सरकार को तय करना चाहिए.
शिक्षकों का सीधे तौर पर कहना है कि वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया है, ऐसे में यदि सत्ताधारी दल अपने घोषणा पत्र में हमारी मांगों के निराकरण को जोड़ते हैं, तो हम लोग आने वाली सरकार का इस चुनाव में पूरा समर्थन करेंगे.
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