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रीवा में 1369 पुलिसकर्मी नहीं कर पाए मतदान, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. तीन दिसंबर को मतों की गिनती होना है, इसके पहले ही रीवा जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्य प्रणाली पर आरोप लगना शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता त्रियुगीनारायण शुक्ला ने निर्वाचन अधिकारी के कार्यप्रणाली पर आरोप लगाए हैं. मंगलवार को रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने प्रशासनिक उदासीनता का आरोप लगाया है.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला ने निर्वाचन ड्यूटी में तैनात किए गए 1369 पुलिस विभाग के कर्मचारियों को प्रशासनिक उदासीनता के चलते मताधिकार से वंचित रखा जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा की यह घोर आपत्ति जनक और मौलिक आधिकारों का हनन है.

उन्होंने कहा की मतदान को देश का महापर्व माना जाता है. इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सरकार महीने भर से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार प्रसार करती है.शासन के करोड़ों रूपये खर्च भी होते हैं. घर-घर मतदाता सूची पहुंचाई जाती है. मतदाता मतदान के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. एक मत से देश का भविष्य तय होता है. मतदान के महापर्व पर एक-एक वोट की कीमत होती है. लेकिन रीवा में जिला निवार्चन अधिकारी ने वोट के मूल्यों को अनदेखा कर दिया.

रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा की सभी नागरिकों को मताधिकार करने का अधिकार है. जिन पुलिस के जवानों ने वोट नहीं डाले हैं वे अपनी स्वेच्छा से नहीं डाले हैं. निर्वाचन ने पूरी तरह से इंतज़ाम कर रखा था.

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