भाग-5: सीधी (Sidhi) ज़िले के एक गांव का 12 साल का लड़का नशेड़ी बन गया. गांव के अपनी ही उम्र से बड़े लोगों की संगत में रहने के दौरान कफ़ सिरप (Cough Syrup) पीना शुरू किया और धीरे-धीरे आदत बन गई. लड़का नशे की चपेट में कैसे फंसता चला गया इसका कोई अंदाज़ा भी नहीं रहा.
कोरेक्स पीने के बाद, असर
युवक का कहना है, कोरेक्स कफ़ सिरप पीने के बाद सुकून जैसी अनुभूति होती है. इसके अलावा दिमाग बिल्कुल शांत हो जाता है. और अगर इसे न पिया जाए तो हांथ-पैर कांपने लगते हैं. शरीर पूरी तरह शिथिल पड़ जाता है. लड़के के लिए कोई काम करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.
नशे के लिए कहा से मिलता है खर्च
आमतौर पर नशे करने वालों का दिन का खर्च 2000 रुपए के आसपास होता है. नशे के लिए सिर्फ़ कोरेक्स का ही नशा नहीं इसके अलावा शराब, सिगरेट और गांजा का भी नशा करते है. नशे के लिए पैसों का इंतज़ाम पॉकेट मनी से, दोस्तों से उधार लेकर यहां तक चोरी भी करते हैं.
परिवार पर आपबीती
घर-परिवार को जब युवक के नशे के बारे में पता चला तो हर-दिन लड़ाई और झगड़े होने लगे. घर में किसी से अच्छे से बात नहीं होती है. घर वाले लड़के से परेशान रहते हैं. और लड़का घर वालों से परेशान रहता है. घर वालों को इसी बात की परेशानी है कि, नशे की लत बच्चे की जान न ले ले. घर के एकलौते बच्चे होने की वजह से मां-बाप ज्यादा परेशान रहते हैं.
नशा छोड़ने की नाकाम कोशिश
लड़के ने नशा छोड़ने की कोशिश की. लेकिन हर तीसरे दिन गांव के बड़े लोगों से मिलने पर नशा फिर शुरू हो गया. छोड़ने की कोशिश कई बार की लेकिन नशा छुड़ाने में सफ़लता नहीं मिल पाई है. नशे की लत ने एक दोस्त की जान भी ले ली. उसकी इस हालत को देख कर लड़के ने भी नशा छोड़ने की कोशिश की, लेकिन नशे की ये तलब नहीं छोड़ पाया.
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