मध्यप्रदेश के रीवा के गुढ़ में एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट (Solar Power Plant) है. इस सोलर पॉवर प्लांट में तीन कंपनियां मिलकर 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती हैं. इतना बड़ा सोलर पॉवर प्लांट होने के बाद भी यहां पर स्थानीय लोग रोजगार (Employment) को मोहताज हैं. इस बारे में जब गुढ़ विधानसभा के विधायक नागेंद्र सिंह (MLA Nagendra Singh) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 5 साल पहले से यहां पर स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. सोलर प्लांट में स्थानीय लोगों की भर्ती कम हुई है. हमारी जो बिजली पैदा होती है दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) से उनका अनुबंध है. ऐसे में वह बिजली, दिल्ली मेट्रो को भेज दी जाती है. विधायक नागेंद्र सिंह ने मांग करते हुए कहा कि यहां बहुत जगह अभी और ऐसी है जहां इसी क्षमता का एक और सोलर प्लांट लग सकता है.
वर्तमान विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि मैने कई मंचों से भी मांग की है कि यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. यहां पर टनल के उद्घाटन के दौरान भी मैंने सार्वजनिक मंच से मांग भी की थी. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी को भी मैंने याद दिलाया था कि 70 प्रतिशत नौकरी यहां के स्थानीय लोगों को मिलनी थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो हमको यह नहीं बता पा रहे हैं कि किस वजह से यहां के लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. इस विषय में विचार करने के लिए मैंने केंद्र शासन को आग्रह पत्र भी लिखे हैं.
विधायक मजबूर हैं
गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि मैं शासन में होने के कारण मजबूर हूं. भारतीय जनता पार्टी का राज्य में और केंद्र में शासन है. ऐसे में मैं किसी और तरीके से जैसे सत्याग्रह या उग्र आंदोलन करने में खुद को थोड़ा असमर्थ पाता हूं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब विधायक स्वयं मजबूर हैं तो यहां की स्थानीय जनता किससे उम्मीद करे.
अमेरिका में है सबसे बड़ा सोलर प्लांट
बता दें कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में दुनिया का पहला सबसे बड़ा सोलर प्लांट है. इसके बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोलर प्लांट मध्यप्रदेश के रीवा जिले में गुढ़ विधानसभा में स्थित है. हालांकि इससे गुढ़ की जनता और रीवा जिले की जनता को जितनी अपेक्षा थी, जिस उम्मीद से इसे खोला गया था वह पूरी नहीं हो पाई है. विधायक ने कहा कि जब इस बारे में पता लगा तो इस विषय में मैंने एक बड़ा प्रदर्शन भी किया था.
स्थानीय लोगों को मिलता है लेबर वर्क
गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का कहना है कि सोलर प्लांट में अधिकांश काम मैनुअल है. वहीं लेबर क्लास का वर्क यहां के स्थानीय लोगों को मिला है. जबकि टेक्निकल काल में यहां के लोगों की भर्ती कम हुई है. इसे बारे में सोलर प्लांट के अधिकारियों का कहना था कि उस समय कि सोलर प्लांट की अलग टेक्नोलॉजी में साधारण इंजीनियरिंग की आवश्यकता नहीं थी. इसलिए इसमें उस वर्ग के टेक्निकल लोग यहां कम मिले. हालांकि कुछ लोगों को यहां रोजगार मिला भी है. इसके अलावा सोलर प्लांट संबंधी जो रिंग है उसमें यहां के लोगों की ट्रेनिंग कम थी जबकि यहां मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, केमिकल इंजीनियर और सिविल इंजीनियर भरे पड़े हैं. काम ना मिलने पर वो सब भटक रहे हैं.
कंपनी का इस बारे में क्या कहना है
सोलर प्लांट वालों का कहना है कि हमारा मेन काम सोलर प्लांट इंस्टॉल करना था. प्लेट लग गई और अब इन प्लेट में सूर्य की रोशनी से बिजली पैदा होती है. इसके अलावा अब जो काम बचा है उसमें किसी आदमी की जरूरत नहीं है. हमारी जो बिजली पैदा होती है वह मेट्रो से अनुबंध है मेट्रो दिल्ली को भेज देते हैं. स्थानीय स्तर पर सिर्फ प्लेटों को धोने का काम बचा है, ऐसा टेक्निकल कोई बहुत काम अब नहीं बचा है.
किसानों की समस्या पर बोले विधायक
विधायक नागेंद्र सिंह का कहना है कि जब कोई किसान अप्रोच करेगा या आपके पास कोई सूची हो किसानों की तो हमको दीजिए. हम उन किसानों से संपर्क करेंगे, उनकी समस्याएं जानेंगे. ऐसे किसान जिनकी जमीन फंस गई या बाड़ के अंदर हो गई, या उनको मुआवजा ना मिला हो तो उन किसानों की मदद की जाएगी.ऐसे जो लोग हैं मैं उनके साथ हमेशा कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा हूं, उनके समस्याओं के प्रति जो भी जरूरत पड़ेगी उसके लिए संघर्ष करूंगा.
स्थानीय विधायक नागेंद्र सिंह की पूरी बात सुनने के लिए देखिए ये वीडियो.