साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) में इंटरनेट और डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी की जाती है. यह एक तरह का साइबर क्राइम (Cyber Crime) है. अपराधी इसमें इंटरनेट की मदद से डेटा हैक करना, बैंक अकाउंट (Bank Account) हैक करना, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से किसी की आईडी को हैक करना, फिशिंग, मैलवेयर जैसे क्राइम करते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की रहने वाली 70 वर्षीय शारदा देवी के बारे में बताएंगे जिनके अकाउंट में लाखों रुपये थे. लेकिन जब वह पैसे निकालने के लिए गईं तो पता चला कि अकाउंट में सिर्फ 2 हजार बचे हैं. यह अकेले शारदा देवी की कहानी नहीं है. देश में रोजाना ऐसे कई मामले दर्ज किए जाते हैं जहां साइबर फ्राड के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे हैं.
बता दें कि देश में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साल 2019 से 2024 के बीच दर्ज मामलों की संख्या में काफ़ी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गयी है. इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक इस साल जनवरी से अप्रैल महीने तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गईं हैं. यानी कि हर दिन औसतन 7000 साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिली हैं. इतना ही नहीं इन्हीं शुरुआती चार महीनों में साइबर क्रिमिनल्स ने भारतीयों से 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है. I4C की मानें तो देश में होने वाले 45% साइबर क्राइम दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से अंजाम दिए जाते हैं.
40 करोड़ से ज़्यादा साइबर अटैक
मीडिया रिपोर्ट की माने तो भारत में होने वाले साइबर क्राइम में सबसे ज़्यादा एडवांस पेमेंट से जुड़ी धोखाधड़ी होती हैं. अकेले साल 2023 में, भारत में 85 लाख डिवाइस पर 40 करोड़ से ज़्यादा साइबर अटैक हुए थे. सुरक्षा फ़र्म कैस्परस्की के मुताबिक, साल 2023 में भारत में 34% इंटरनेट यूज़र साइबर क्रिमिनल्स का निशाना बने थे. वहीं साल 2022 में, कर्नाटक में सबसे ज़्यादा 12,549 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे. I4C के अनुसार जनवरी से जून 2024 तक वित्तीय धोखाधड़ी में 11,269 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.
भारतीयों को ₹1.2 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत चलने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र यानी Indian Cyber Crime Coordination Centre के द्वारा एक सर्वे किया गया. सर्वे में पता चला कि अगले साल यानी की 2025 में साइबर फ्रॉड से भारतीयों को ₹1.2 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने वाला है. देश के सकल घरेलू उत्पाद का यह 0.7% है. बता दें कि यह बड़े पैमाने पर खच्चर बैंक खातों यानी Mule Bank Accounts द्वारा संचालित होता है, ये अकाउंट अवैध वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
चीन, कंबोडिया, म्यांमार से होता है साइबर फ्रॉड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साइबर फ्रॉड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चीन, कंबोडिया और म्यांमार से जैसे देशों से ऑपरेट होता है. I4C के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 4,000 खच्चर बैंक खातों की पहचान की जाती है, जो इस मुद्दे के बड़े पैमाने को उजागर करता है. इन फ्रॉड में धोखेबाज भारतीय मोबाइल फोन नंबरों से अनजान लोगों को कॉल करते हैं और उन्हें लॉटरी या पुरस्कार का लालच दे कर उनसे पैसे ठगते हैं. आमतौर पर साइबर घोटालों का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण यानी financing और मनी लॉन्ड्रिंग के लिये किया जाता है. मार्च से मई 2024 के दौरान साइबर फ्रॉड के जरिए भारतीय खातों से 5.5 करोड़ रुपए की क्रिप्टो करेंसी खरीदी गई थी और इसे देश के बाहर मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) की गयी थी.
भारत में साइबर फ्रॉड को लेकर कानून
भारत में साइबर फ्रॉड को लेकर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In), साइबर सुरक्षित भारत पहल, साइबर स्वच्छता केंद्र, राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC), डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, नागरिक वित्तीय साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली जैसे कई कानून बनाए गए हैं.
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें
बता दें कि सरकार ने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई कानून बनाए हैं. लेकिन साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए हमें खुद से भी कुछ सावधानियां बरतनी होंगी. जैसे अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से भी साझा न करें, ऑनलाइन संदिग्ध ईमेल और मैसेज का जवाब न दें, वैध साइट्स पर ही ऑनलाइन लेन-देन करें, सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से बचें, कभी किसी से ओटीपी शेयर ना करें. इस तरह कुछ सावधानियां बरत कर साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है.
658 मिलियन इंटरनेट यूजर
रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 658 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं. यह संख्या इसे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट आबादी बनाता है. साइबर सुरक्षा फर्म Zscaler की “द थ्रेटलैब्ज़ 2024 फिशिंग रिपोर्ट” के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन के बाद फिशिंग हमलों के लिये भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा देश है.
साइबर फ्राड की घटनाएं कैसे अंजाम दी जाती हैं, जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो.