इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने ह्यूमन मेटानिमोवायरस (HMPV) के बढ़ते प्रकोप के बीच एक एडवायजरी जारी की है. आइएमए के एक विशेषज्ञ के मुताबिक HMPV कोविड-19 की तरह घातक नहीं है. HMPV से व्यक्ति के फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है. बता दें कि मुंबई में HMPV वायरस से छह महीने की एक बच्ची संक्रमित पाई गई है. इससे पहले नागपुर में 2 बच्चों में HMPV की पुष्टि हुई थी. अहमदाबाद में भी 2 महीने के बच्चे में HMPV संक्रमण पाया गया था. HMPV वायरस के देश में अब तक 16 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र से पहले कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में मामले सामने आए थे.
HMPV क्या है
HMPV का पूरा नाम Human Metapneumovirus है. यह एक श्वसन वायरस (Respiratory virus) है. यह मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है. यह निचले और ऊपरी श्वसन संक्रमण जैसे सर्दी का कारण बनता है. यह एक मौसमी बीमारी है जो आमतौर पर सर्दियों और वसंत की शुरुआत में होती है. यह रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के जैसा है. लेकिन कुछ मामलों में यह न्यूमोनिया भी पैदा कर सकता है. यदि आपको सर्दी-खांसी या बुखार जैसी समस्याएं हैं, तो आपको इस वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है.
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दो दशक पुराना है HMP वायरस
यू.एस. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार HMP वासरस पहली बार 2001 में खोजा गया था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ सीरोलॉजिकल सबूत बताते हैं कि यह वायरस कम से कम 1958 से व्यापक रूप से फैला हुआ है. HMPV, RSV के साथ न्यूमोविरिडे परिवार में आता है. HMPV से हल्के से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण होने की संभावना रहती है. यह, विशेष रूप से कमजोर समूहों जैसे छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोध क्षमता वाले लोगों को प्रभावित करता है.
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HMPV वायरस के लक्षण
HMPV वायरस हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. इसके लक्षण आमतौर पर फ्लू या सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं. बुखार, खांसी, गला दर्द, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में कठिनाई, थकावट आदि इसके सामान्य लक्षण हैं. अगर यह वायरस ज्यादा गंभीर हो जाए, तो कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई या सीने में दर्द भी हो सकता है. यह लक्षण खासकर उनके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं जो पहले से अस्थमा या दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं.
HMP वायरस फैलने का तरीका और बचाव
HMPV मुख्य रूप से एयरबोर्न है, यानी यह हवा के जरिए फैलता है. HMPV भी covid की तरह है. जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो यह वायरस हवा में फैलते हैं और फिर आसपास के लोगों तक पहुंचते हैं. इसके अलावा, यह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से भी फैलता है. इस वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए. समय – समय पर हाथ धोएं. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक अच्छी डाइट लें. पूरी नींद लें और रेगुलर एक्सरसाइज करें. अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
HMPV वायरस का इलाज
HMPV वायरस का कोई एंटीवायरल इलाज या कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसे में अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो डॉक्टर मुख्य रूप से सहायक देखभाल (supportive care) करते हैं. जैसे बुखार को नियंत्रित करने के लिए दवा देना , सांस से संबंधी समस्याओं में मदद करना. गंभीर मामलों में, जैसे न्यूमोनिया या सांस लेने में कठिनाई होने पर अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है.
HMPV वायरस से भारत को नहीं है खतरा
HMPV वायरस को लेकर सरकार ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारतीय अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों या इन्फ्लूएंजा के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन से मिली रिपोर्ट बताती है कि वहां मामलों में मौजूदा उछाल का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस – HMPV और RSV हैं. यह मौसमी बीमारी है. इस तरह भारत को इस बीमारी से ज्यादा खतरा नही है. हालांकि आप अपने स्तर पर इससे बचाव कर सकते है. बता दें कि HMP वायरस से चीन का उत्तरी हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित है. रिपोर्ट के अनुसार 2023 के दिसंबर से 2024 के मार्च तक चीन में हर महीने HMPV वायरस के 16 हजार से 18 हजार मामले दर्ज हुए थे. इसके अलावा मलेशिया, ब्रिटेन, अमेरिका, ग्रीस और दुनिया के कई देशो में HMPV वायरस के मामले मिले हैं.
HMP वायरस के बारे में पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो।।
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