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Holi Song fagua: बघेलखंड का पारंपरिक लोकगीत है फगुआ, सुनिए रंगों से भरपूर अरे फागुन आयो रे…

बघेलखंड का इलाका पारंपरिक भोजन के साथ विशेष लोकगीतों के लिए जाना जाता है. यहां पर होली के अवसर पर फगुआ गाने की प्रथा है. यह लोकगीत होली के रंगों और उत्साह को उजागर करते हैं. साथ ही यह गीत बघेलखंड की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपरा को उजागर करता है. खास बात यह है कि लोकगीत की मधुर धुन, मनमोहक शब्दों के साथ होली की उमंग और खुशियों की अनुभूति को दोगुना करते हैं. बता दें कि विंध्य के सीधी जिले में हाल ही में विंध्य इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया था. यहां पर बघेलखंड के पारंपरिक लोकगीत फगुआ फागुन आयो रे का गायन किया गया. होली का यह विशेष लोकगीत फागुन आयो रे होली बघेलखंड की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपरा को उजागर करता है. फागुन आयो रे ऐसा ही एक प्रसिद्ध लोकगीत है, जो विंध्य क्षेत्र की बघेली बोली में गाया जाता है.

फागुन आयो रे एक पारंपरिक बघेली लोकगीत है, जिसे होली के अवसर पर गाया जाता है. यह गीत फाल्गुन मास के आगमन और होली के त्योहार की जीवंतता को दर्शाता है. इसके बोल बघेलखंड की प्राकृतिक सुंदरता, सामाजिक मेलजोल और होली की उमंग को व्यक्त करते हैं. बता दें कि फगुआ लोकगीत की मधुर धुन और मनमोहक शब्द, होली की उमंग और खुशियों की अनुभूति कराते हैं. ये गीत न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि हमारी स्थानीय भाषाओं और बोलियों को भी संरक्षित करने में मदद करते हैं. इस तरह के गीत समूह में गाया जाता है. इसमें कई लोग मिलकर वाद्य यंत्रों के साथ इसे प्रस्तुत करते हैं. इसकी प्रस्तुति में पारंपरिक वाद्य यंत्रों का विशेष महत्व होता है. फगुआ गीत लोकसंस्कृति और बघेली बोली को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

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विंध्य क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक
फागुन आयो रे एक ऐसा लोकगीत है, जो हर बार होली के साथ हमारे जीवन में नई ऊर्जा भरता है. होली का यह पारंपरिक गीत हमारी लोकसंस्कृति में जीवन की सादगी, खुशियां और सामूहिकता के महत्व को बताता है. यह गीत न केवल होली के त्योहार को रंगीन बनाता है, बल्कि हमें हमारी जड़ों से भी जोड़ता है. खास बात यह है कि होली के मौके पर गाए जाने वाले यह गीत विंध्य क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि और बघेली बोली की मिठास का जीवंत प्रमाण हैं.

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इन पारंपरिक वाद्य यंत्रों का होता है इस्तेमाल
ढोलक – फगुआ के गीत में ढोलक के ताल इसे जीवंत बनाते हैं.
झांझ – फगुआ के गीत में झांझ एक खास खनक जोड़ता है.
हारमोनियम – यह फगुआ गीत को मधुरता और संगीतात्मकता प्रदान करता है.

होली का पारंपरिक गीत अरे फागुन आयो रे सुनने के लिए यहां क्लिक करें।।।