यूक्रेन, जो आजकल रूस के साथ संघर्ष में उलझा हुआ है, के पास ऐसे खनिज संसाधन हैं जो दुनिया की प्रमुख शक्तियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में एक प्रस्ताव को खारिज किया, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन के महत्वपूर्ण खनिजों का 50% हिस्सा अपने नियंत्रण में लेने की पेशकश की थी. हालांकि ज़ेलेंस्की ने सीधे तौर पर इसे नकारा नहीं किया, परंतु उन्होंने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से सुरक्षा संबंधी पहलुओं को लेकर. इस घटना ने वैश्विक राजनीति और अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर एक नया सवाल खड़ा कर दिया है.
यूक्रेन के पास कौन से महत्वपूर्ण खनिज हैं?
यूक्रेन के पास दुनिया के 34 महत्वपूर्ण खनिजों में से 22 खनिजों के भंडार हैं, जिनमें लिथियम, ग्रेफाइट, टाइटेनियम, और दुर्लभ पृथ्वी तत्व जैसे लैंथेनम, सेरियम, और न्यूडियम शामिल हैं. ये खनिज वैश्विक उद्योगों, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों, ऊर्जा उत्पादन, और हाई-टेक उपकरणों में अहम भूमिका निभाते हैं. यूक्रेन के पास इन खनिजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के कारण यह देश भू-राजनीतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाता है.
यूक्रेन का भौगोलिक क्षेत्र सिर्फ 0.4% है, लेकिन इसके खनिज संसाधनों में 5% हिस्सेदारी है. 2019 में यूक्रेन वैश्विक स्तर पर टाइटेनियम का 7% उत्पादन करता था, और इसके पास 500,000 टन लीथियम और एक-चौथाई ग्रेफाइट का भंडार था। युद्ध के कारण कुछ खनिज भंडारों पर कब्जा हो गया है, लेकिन फिर भी यह खनिज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बने हुए हैं.
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अमेरिका क्यों चाहता है यूक्रेन के खनिजों को?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन के खनिजों पर अपनी नजरें जमाई हैं, और इसके पीछे चीन का बढ़ता प्रभाव एक बड़ा कारण है. चीन के पास खनिजों के प्रसंस्करण की सबसे बड़ी क्षमता है, और इसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर स्पष्ट रूप से दिखता है। चीन का कोबाल्ट, लिथियम, और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे खनिजों के प्रसंस्करण में लगभग 70-90% हिस्सा है.
अगर अमेरिका को इन खनिजों तक पहुंच नहीं मिलती, तो चीन की बढ़ती ताकत और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, ये खनिज अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकते हैं. इन खनिजों का उपयोग स्मार्टफोन, बैटरियों, और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों में होता है.
यूक्रेन के खनिजों पर नियंत्रण से अमेरिका को क्या लाभ होगा?
यूक्रेन के खनिजों का नियंत्रण अमेरिका के लिए सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भूराजनैतिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद हो सकता है. यदि अमेरिका इन खनिजों तक पहुंच बना लेता है, तो वह चीन के खनिज प्रसंस्करण पर अपनी निर्भरता को कम कर सकता है. साथ ही, अमेरिका अपनी घरेलू ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को और मजबूत कर सकता है.
इसके अलावा, यूक्रेन के खनिजों पर नियंत्रण अमेरिका को वैश्विक शक्ति संतुलन में एक प्रमुख स्थान दिला सकता है, खासकर जब चीन और अन्य शक्तियों से प्रतिस्पर्धा की बात हो. इन खनिजों का अधिग्रहण अमेरिका को उच्च तकनीक और ऊर्जा क्षेत्रों में अग्रणी बनाए रख सकता है.
यूक्रेन के खनिजों पर अमेरिका की नजर केवल एक आर्थिक या राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा भूराजनैतिक खेल है. यूक्रेन के पास मौजूद खनिजों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और शक्ति संघर्ष में बड़ा स्थान है. अमेरिका का इन खनिजों पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीति को लेकर कड़े कदम उठाना समझ में आता है, खासकर जब चीन की बढ़ती ताकत को देखा जाए. यूक्रेन के लिए यह एक कठिन निर्णय होगा कि वह अपनी सुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता को कैसे संतुलित करता है, लेकिन वैश्विक स्तर पर यह मामला और भी जटिल होता जा रहा है.