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रीवा में पंचायत सम्मेलन: पंचायत भवनों की कमी और विकास कार्यों पर उठे सवाल

रीवा के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में गुरुवार शाम को एक महत्वपूर्ण पंच-सरपंच सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में रीवा के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भाग लिया. इस कार्यक्रम के दौरान, मंत्री प्रहलाद पटेल ने देश भर में पंचायत भवनों की गंभीर कमी का मुद्दा उठाया और ग्रामीण विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की है.

पंचायत भवनों की कमी एक बड़ी चुनौती
मंत्री प्रहलाद पटेल ने सम्मेलन में बताया कि देश में लगभग 2600 पंचायतों के पास अभी भी अपने स्वयं के पंचायत भवन नहीं हैं, जिससे उनके प्रशासनिक कार्यों और दस्तावेजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में गठित 1400 नई पंचायतों के पास भी भवन नहीं हैं  और कई पुरानी पंचायतें भी इस समस्या से जूझ रही हैं. उन्होंने इसे स्थानीय प्रशासनिक कार्यों में एक बड़ी बाधा के रूप में वर्णित किया.

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ग्रामीण विकास पर जोर
अपने संबोधन में, मंत्री पटेल ने ग्रामीण भारत को देश की संस्कृति और समृद्धि की नींव बताया और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत का विकास तभी संभव है जब गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाए. पंचायत भवनों की उपलब्धता, डिजिटल रिकॉर्ड की सुरक्षा और बेहतर शासन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.

जिला पंचायत सदस्य का विरोध
इसी क्रम में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिला पंचायत सदस्यों को शामिल नहीं किया गया था जिसके चलते जिला पंचायत सदस्य काफी ज्यादी आक्रोशित हुए. इतना ही नहीं वार्ड 15 के सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने जिला योजना समिति की बैठक में उन्हें शामिल न करने का आरोप लगाते हुए मंत्री प्रहलाद पटेल से तीखी बहस कर डाली.

उन्होंने आरोप लगाया कि रीवा जिले में विकास योजनाएं केवल कागजों पर चल रही हैं और जमीनी स्तर पर कार्यों की स्थिति चिंताजनक है. त्रिपाठी ने यह भी आरोप लगाया कि जिला योजना मंडल समिति का गठन नहीं किया गया है, फिर भी प्रभारी मंत्री द्वारा बैठक आयोजित की जा रही है. इतना ही नहीं उन्होंने पंचायत में शौचालय और सड़क निर्माण कार्यों में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार पर चुप रहने का आरोप लगाया. प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई प्रमाण के साथ अनियमितताओं की बात करता है, तो कार्रवाई की जाएगी उन्होंने सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेह शासन व्यवस्था की प्राथमिकता को दोहराया.

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प्रधानमंत्री आवास और पेयजल संकट पर चर्चा
कलेक्ट्रेट परिसर में योजना समिति की बैठक के बाद, मंत्री पटेल ने बताया कि रीवा में 23,000 नए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं, जबकि 1,72,000 आवासों के लिए सर्वेक्षण किया गया है. उन्होंने गर्मी के दौरान पेयजल संकट के बारे में भी चर्चा की और बताया कि पिछले वर्ष 64 गांवों में स्थिति चुनौतीपूर्ण थी, जबकि इस वर्ष 90 गांवों को चिह्नित किया गया है.

जनता की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ ग्रामीणों ने त्रिपाठी के आरोपों का समर्थन किया और जमीनी स्तर पर कार्यों की स्थिति को चिंताजनक बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक नौटंकी करार दिया. बहस के दौरान, सीएसपी रितु उपाध्याय, कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर और सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने सुरक्षा के लिहाज से मंत्री पटेल को घेरे रखा. भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय सिंह पटेल ने मामले को शांत करने की कोशिश की.