मध्य प्रदेश के रीवा जिले के आनंद नगर बोदाबाग के निवासी रोमिल द्विवेदी ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में शानदार सफलता हासिल करते हुए 27वीं रैंक प्राप्त की है. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे रीवा जिले को गौरवान्वित किया है. यह रोमिल का तीसरा प्रयास था और बचपन से ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होकर देश सेवा करने का उनका सपना आखिरकार साकार हो गया है.
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
रोमिल द्विवेदी, आशा द्विवेदी और के. के. द्विवेदी (संयुक्त आयुक्त, सहकारिता विभाग, भोपाल) के सुपुत्र हैं. उनका जन्म रीवा जिले के पुरौना गाँव (तहसील जवा) में हुआ. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 1 से 10वीं तक रीवा में ही प्राप्त की. इसके बाद, उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने भोपाल का रुख किया और वहाँ से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता को जारी रखते हुए, रोमिल ने मैनिट भोपाल से इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके पश्चात, उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) इंदौर से एमबीए की उपाधि प्राप्त की. उच्च शिक्षा पूर्ण करने के बाद, रोमिल ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दीं.

दृढ़ संकल्प और सफलता की राह
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने से पहले, रोमिल द्विवेदी भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) में चयनित हुए और उदयपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. हालांकि, उनका अंतिम लक्ष्य IAS बनना था. अपने दृढ़ संकल्प और अटूट लगन के बल पर, उन्होंने IRMS के प्रशिक्षण के दौरान भी अपनी तैयारी जारी रखी. आखिरकार, अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर 27वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि यदि लक्ष्य निर्धारित हो और मेहनत सच्ची हो तो सफलता अवश्य मिलती है.
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शासकीय सेवा की पारिवारिक परंपरा
रोमिल द्विवेदी के परिवार में शासकीय सेवा की एक मजबूत परंपरा रही है. उनके चाचा, विनोद द्विवेदी और प्रकाश द्विवेदी, राज्य वित्त सेवा में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, उनके बड़े भाई, राजित द्विवेदी, वर्तमान में पन्ना में रेजर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस प्रकार, रोमिल को अपने परिवार से भी लोक सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली.
सफलता का मंत्र और जिले में खुशी की लहर
अपनी इस शानदार सफलता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रोमिल द्विवेदी ने कहा कि यदि लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित हो, तो उस मंजिल तक पहुँचना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है. उनकी इस उपलब्धि से पूरे रीवा जिले में खुशी और गर्व का माहौल है. क्षेत्र के निवासियों और उनके शुभचिंतकों ने रोमिल को उनकी इस सफलता के लिए बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. रोमिल द्विवेदी की यह कहानी निश्चित रूप से रीवा के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी.