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अमृत काल में प्यासा अनूपपुर का बोदा गांव, जल जीवन मिशन कागज़ों पर सीमित!

मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा में स्थित बोदा ग्राम पंचायत में बैगा जनजाति के 40–50 परिवार निवास करते हैं. इन बैगा परिवारों के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है, इन्हे पीने के पानी के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, घंटों मेहनत के बाद, वे अपने और अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए एक दो बाल्टी पानी इकट्ठा करते हैं. इनका दिन का आधा समय पानी की व्यवस्था में बीत जाता है.​ ये बैगा परिवार हर सुबह एक ही सवाल से जूझते हैं. आज पानी मिलेगा या नहीं? इसके बाद पानी की खोज में निकल पड़ते हैं. बोदा के बैगा समुदाय के लोग जंगल के बरसाती नालों में ‘झिरिया’ बनाकर पानी जुटाते हैं. ऐसा नहीं है कि गांव में हैंडपंप है, हैंडपंप है लेकिन वो पानी नहीं हवा उगलते हैं. बुनियादी सुविधाओं के नाम पर इस गांव तक न बिजली पहुंची है, न सड़क बनी है. बैगा बच्चे दीये की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

जल जीवन मिशन की असफलता
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर जल योजना, जल जीवन मिशन का हिस्सा, ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का वादा करती है।. बोदा में 2023 में बोरवेल और सम्पवेल के ज़रिए पाइपलाइन से नल कनेक्शन देने का काम शुरू हुआ था. छह महीने में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट, अप्रैल 2025 तक भी अधूरा है. नल लगे हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो रही है.​

सरकारी दावों और वास्तविकता में अंतर
बैगा जनजाति, जिनकी आबादी 5.5 लाख है (2011 जनगणना), मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में बसी है. सरकार ने प्रधानमंत्री जनमन योजना, बैगा विकास परियोजना, और जल जीवन मिशन शुरू किए हैं. अनूपपुर और डिंडोरी में बैगा विकास के लिए 2018 से 2023 में 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था. वहीं मध्य प्रदेश सरकार दावा करती है कि 80% बैगा परिवारों तक सुविधाएं पहुंचीं हैं. लेकिन बोदा में न पानी, न बिजली, न सड़क है. सरकारी रिकॉर्ड और ग्रामीणों की शिकायतें दो अलग कहानियां कहते हैं.

जल जीवन मिशन के आंकड़े
जल जीवन मिशन ने साल 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल का लक्ष्य रखा था. मार्च 2025 तक, 15 करोड़ परिवारों तक कनेक्शन पहुंचे, मध्य प्रदेश में 70% कवरेज का दावा किया गया है. लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही और सरकारी उदासीनता ने इस मिशन को कागजों तक सीमित कर दिया है.​

सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
दीपक साहू (SDO PHE, राजेंद्रग्राम) ने कहा, “नेताओं के लुभावने वादे सिर्फ चुनावों तक सीमित हैं. सरकारी तंत्र की अनदेखी ने बैगा समुदाय को ठगा है. यह तस्वीर आज के अमृत काल के दावों पर करारा तमाचा है.”​



https://www.youtube.com/watch?v=4SyUljHl808