भारत-अमेरिका दोस्ती: मोदी-ट्रम्प की दोस्ती में दरार? iPhone विवाद और पाकिस्तान को बराबर तौलने पर मोदी नाराज़
भारत-अमेरिका दोस्ती: भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को अक्सर एक मजबूत दोस्ती के तौर पर पेश किया जाता रहा है, लेकिन हालिया घटनाएं इस धारणा पर सवाल खड़े करती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की वह टिप्पणी, जिसमें उन्होंने भारत को पाकिस्तान के समकक्ष बताया, और भारत में आईफोन उत्पादन से जुड़ा विवाद, दोनों देशों के बीच कुछ हद तक तनाव पैदा करने वाला साबित हुआ है. क्या यह दोस्ती वाकई खतरे में है?
ट्रम्प की विवादास्पद तुलना
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान भारत को पाकिस्तान के बराबर ठहराया, जिससे भारत में स्वाभाविक रूप से नाराजगी की लहर दौड़ गई. ट्रम्प ने यह दावा किया कि दोनों ही मुल्क अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित तौर-तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.
इस बयान की भारतीय अधिकारियों और आम नागरिकों ने कड़ी आलोचना की और इसे भारत की साख पर एक धक्के के रूप में देखा गया. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो रही है, जिससे कई लोगों के लिए यह और भी ज़्यादा हैरान करने वाली थी.
IPhone उत्पादन पर मतभेद
भारत में आईफोन के उत्पादन से जुड़ा एक अलग मसला भी दोनों देशों के बीच कुछ खटास पैदा कर रहा है. भारत सरकार लगातार एप्पल से यह आग्रह कर रही है कि वह देश में आईफोन का उत्पादन बढ़ाए, लेकिन एप्पल ने इस दिशा में कुछ अनिच्छा दिखाई है. इस वजह से दोनों पक्षों के बीच एक तरह का गतिरोध उत्पन्न हो गया है.
कुछ भारतीय अधिकारियों ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि एप्पल देश के कानूनों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रही है. यह स्थिति भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना है.

दोस्ती की कसौटी
ट्रम्प की अप्रत्याशित टिप्पणी और आईफोन उत्पादन को लेकर जारी खींचतान ने भारत और अमेरिका की दोस्ती की गहराई पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह सच है कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और रणनीतिक हित जुड़े हुए हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम यह संकेत देते हैं कि उनके बीच कुछ मतभेद भी मौजूद हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह दोस्ती इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर पाती है या नहीं.
बदलते समीकरण
ट्रम्प की टिप्पणी भारत के प्रति अमेरिकी नीति में संभावित बदलाव की ओर इशारा कर सकती है. अतीत में, अमेरिका ने अक्सर भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखा है. हालांकि, ट्रम्प का बयान दर्शाता है कि वह भारत को अन्य देशों की तरह ही व्यापारिक दृष्टिकोण से आंक सकते हैं.
दूसरी ओर, आईफोन उत्पादन से जुड़ा विवाद भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने की चुनौतियों को उजागर करता है. भारत सरकार ने देश में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन विदेशी कंपनियों को देश के नियमों और अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने के लिए राजी करना एक मुश्किल काम हो सकता है.
राह आसान नहीं
भारत और अमेरिका के बीच की दोस्ती एक जटिल और लगातार विकसित होने वाला रिश्ता है. इसमें कोई शक नहीं कि दोनों देशों के बीच कई मजबूत पहलू हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके बीच कुछ असहमति और चुनौतियां भी हैं. यह भविष्य ही बताएगा कि यह दोस्ती इन मुश्किलों से उबरकर और मजबूत होती है या इस पर कुछ स्थायी प्रभाव पड़ता है.