Table of Contents
Toggleविचारपुर:शहडोल से जर्मनी तक का सफर!
विचारपुर: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का विचारपुर गाँव बन रहा है फुटबॉल का नया केंद्र. पीएम मोदी की ‘मन की बात’ में चर्चा के बाद जर्मनी के मशहूर कोच डाईटमार बेयर्सडॉर्फर ने यहाँ के बच्चों को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग का ऑफर दिया. जानें, कैसे साकार हुआ यह सपना.
गुमनामी से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का एक छोटा सा गाँव विचारपुर आज फुटबॉल की वजह से पूरी दुनिया के नक्शे पर चमक रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक उल्लेख और जर्मनी के दिग्गज फुटबॉल कोच की पहल ने इस गाँव को खेल प्रतिभा का नया केंद्र बना दिया है.
‘मन की बात’ से शुरू हुई कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में विचारपुर के बच्चों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे यह बच्चे सीमित संसाधनों के बावजूद फुटबॉल के सपने को जी रहे हैं.
इस चर्चा ने पूरे भारत का ध्यान इस गाँव की ओर खींचा और बच्चों के जुनून को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.
लेक्स फ्रिडमैन और जर्मनी का जुड़ाव
‘मन की बात’ के बाद विचारपुर की यह कहानी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँची. प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने इस पर चर्चा की, और यह बात जर्मनी तक जा पहुँची.
वहाँ के मशहूर फुटबॉलर और कोच डाईटमार बेयर्सडॉर्फर इस कहानी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बच्चों को जर्मनी बुलाकर वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग देने का ऑफर दिया.
चार खिलाड़ी और एक प्रशिक्षक जाएंगे जर्मनी
अब यह सपना हकीकत बनने जा रहा है. अक्टूबर में विचारपुर से चार युवा खिलाड़ी (दो लड़के और दो लड़कियाँ) और एक प्रशिक्षक जर्मनी रवाना होंगे.
वहाँ उन्हें बेहतरीन फुटबॉल कोचिंग मिलेगी और नई संस्कृति से भी सीखने का अवसर मिलेगा. यह अनुभव उनके जीवन और करियर को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा.
सपनों की कोई सीमा नहीं
विचारपुर की यह सफलता सिर्फ शहडोल ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का गर्व है. यह साबित करता है कि गाँवों में छिपी प्रतिभा अगर सही मंच मिले तो विश्व स्तर पर चमक सकती है.
यह घटना लाखों बच्चों को प्रेरित करेगी कि चाहे हालात कितने भी कठिन हों, मेहनत और जुनून से सपने पूरे किए जा सकते हैं.
विचारपुर गाँव की यह यात्रा एक मिसाल है कि कैसे एक छोटे से गाँव की कहानी वैश्विक मंच तक पहुँच सकती है. अब ज़रूरत है कि सरकार और समाज ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहन दें, ताकि भारत के हर कोने की प्रतिभा दुनिया भर में अपनी पहचान बना सके.