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Toggleदिल्ली ब्लास्ट: CCTV ने खोला राज, ब्लास्ट से पहले उमर तीन घंटे तक कार में बैठा रहा
दिल्ली ब्लास्ट: दिल्ली में हुए सिलसिलेवार धमाकों की जांच में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ आया है. सुरक्षा एजेंसियों के हाथ ऐसा CCTV फुटेज लगा है जो आतंकी हमले की तैयारियों को उजागर करता है. यह फुटेज संदिग्ध उमर पर नई बहस छेड़ देता है.
यह फुटेज जांच की दिशा ही बदल सकता है. इससे पता चलता है कि धमाके से ठीक तीन घंटे पहले उमर एक कार में बैठा था. वह लगातार इंतजार कर रहा था. यह इंतजार किस बात का था. क्या यह किसी बड़े प्लान का हिस्सा था.

CCTV फुटेज में क्या दिखा? जानें पूरा घटनाक्रम
जांच एजेंसियों ने धमाके वाले इलाके और आस-पास के सैकड़ों CCTV कैमरों का डेटा जुटाया. इसी विश्लेषण में एक महत्वपूर्ण फुटेज सामने आया.
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फुटेज के अनुसार. धमाके से लगभग तीन घंटे पहले उमर एक निश्चित स्थान पर parked कार के अंदर बैठा दिखाई दे रहा है.
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वह लगातार अपने साथियों या किसी संकेत का इंतजार करता प्रतीत होता है.
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उसके व्यवहार में बेचैनी साफ नजर आ रही थी. वह बार-बार अपनी घड़ी देख रहा था और आस-पास के मूवमेंट पर नजर रखे हुए था.
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करीब तीन घंटे के इंतजार के बाद ही वह कार से उतरता है और गलियों में गायब हो जाता है.
आखिर क्या था उमर और उसके साथियों का पूरा प्लान?
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक. इस लंबे इंतजार के पीछे आतंकी ग्रुप का एक सोचा-समझा प्लान था. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह प्लान निम्नलिखित चरणों में बना था.
पहला चरण: सुरक्षित स्थान पर पहुंच और इंतजार
उमर को एक ऐसी जगह पर तैनात किया गया था जो धमाके वाले स्थान से थोड़ी दूरी पर थी. यहां उसका काम सुरक्षित ठिकाने पर इंतजार करना था. यह इंतजार इसलिए था ताकि बाकी सदस्य बिना किसी शक के अपना काम पूरा कर सकें.
दूसरा चरण: अंतिम हरी झंडी का संकेत
माना जा रहा है कि उमर अपने ग्रुप लीडर या किसी अन्य साथी के फोन कॉल या संकेत का इंतजार कर रहा था. यह संकेत हमले को अंजाम देने के लिए अंतिम हरी झंडी था. यह तकनीक उनकी सुरक्षा के लिए थी ताकि अगर कोई एक पकड़ा भी जाए तो बाकी बच सकें.
तीसरा चरण: हमले के बाद भागने का रास्ता
तीन घंटे बाद जैसे ही उसे संकेत मिला. उसने कार छोड़ी और पैदल ही भीड़ में घुलमिल गया. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि भीड़ भाड़ वाला इलाका चुनना और वाहन बदलना उनके भागने के प्लान का हिस्सा था.
आतंकवाद रोधी दस्ते (NIA) की टीम इस फुटेज का गहन विश्लेषण कर रही है. वे उस रूट को ट्रैक कर रही हैं जिससे उमर भागा था.
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1: उमर को आखिरकार पकड़ा गया क्या?
जी हां. जांच एजेंसियों ने इस CCTV फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर उमर को गिरफ्तार किया है. वह currently हिरासत में है.
Q2: क्या यह धमाका अकेले उमर ने किया था?
नहीं. यह एक बड़े आतंकी नेटवर्क की साजिश थी. उमर इस ग्रुप का एक सदस्य था. उसके अलावा भी कई अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
Q3: CCTV फुटेज जांच में कितना महत्वपूर्ण है?
CCTV फुटेज आज के जमाने में जांच का एक अहम हिस्सा बन गया है. यह सबूतों की एक ठोस श्रृंखला बनाने में मदद करता है और आरोपियों के खिलाफ अदालत में मजबूत सबूत पेश करता है.
Q4: इस घटना से आम जनता को क्या सीख लेनी चाहिए?
आम जनता को सतर्क रहना चाहिए. किसी भी अजीबोगरीब या शक वाली गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए. ‘See Something, Say Something’ का नारा हमेशा याद रखें.
निष्कर्ष
दिल्ली ब्लास्ट मामले में सामने आया यह नया CCTV फुटेज यह साबित करता है कि आतंकी हमले कितनी सोची-समझी रणनीति के तहत अंजाम दिए जाते हैं. उमर का तीन घंटे तक इंतजार में बैठा रहना उनकी कुटिल चाल का हिस्सा था. हालांकि. आधुनिक तकनीक और जांच एजेंसियों की मेहनत के आगे ये प्लान फेल हो गए.
यह घटना हमें सिखाती है कि सतर्कता और तकनीक का इस्तेमाल करके ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है. आम नागरिक की सजग नजरें देश की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.