जीवन को सुखमय व्यतीत करने और अपने सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है कि हम स्वस्थ रहें. स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, इन सुविधाओं के मामलों में हम कहां है. जवाब खोजने के लिए हम विंध्य क्षेत्र के कुछ गांव गए जहां एक ऐसा गांव मिला जिसमें अस्पताल है, मरीज है, बीमारियां हैं, कमी रह गई तो एक अदद डॉक्टर की.
पिछले पांच साल से डॉक्टर ही नहीं तैनात हो पाया. यहां दो नर्स हैं, एक चपरासी भी है, इन्हीं के भरोसे स्वास्थ्य सेवा चल रही हैं. कागज़ों पर देखें तो पता चलेगा कि बीमार विंध्य का हाल काफी अच्छा है. यदि वास्तविकता जाननी है तो विंध्य के ग्रामीण इलाके का दौरा कीजिये.
यहां आपको पता चलेगा कि विंध्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी लचर है. विंध्य फर्स्ट की टीम को ऐसे भी गांव मिले, जहां 35 साल पहले भूमिपूजन होने के बाद आज तक हॉस्पिटल का पत्थर भी नहीं है.
सरकार का काम आखिर होता क्या है? अपने लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी करना जैसे बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं देना. गांव के लोगों को कम से कम ऐसी सुविधाएं देना ताकि छोटी-छोटी हेल्थ इमरजेंसी होने पर उन्हें शहर न भागना पड़े, विंध्यवासियों को ये सहूलियत मिलती है क्या? यह सवाल सबके मन मे उठता रहता है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भले ही सब बढ़िया चल रहा है, हर जगह स्वास्थ्य केन्द्र बने हुए हैं समय पर लोगों को डॉक्टर मिल रहे हैं और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल रही हैं पर वास्तविकता में ऐसा नहीं है. आखिर सरकारी दावों से जमीनी हकीकत मेल क्यों नहीं खाती. विंध्य की जन स्वास्थ सुविधाएं बीमार क्यों है? ये बीमारी कैसे दूर होगी.
इन्ही कुछ सवालों का जवाब खोजता है विंध्य फ़र्स्ट का यह एपिसोड. पूरा वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें.