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पूरे देश को बिजली पहुंचाने वाले विंध्य में बिजली और सड़क की समस्या क्यों?

विंध्य में बिजली और सड़क

मध्यप्रदेश को ऊर्जा- खनिज संसाधन से सम्पन्न बनाता विंध्य क्षेत्र खुद विभिन्न व्यवस्थाओं की चाह में टकटकी लगाए सरकार की ओर देख रहा है. वैसे तो विंध्य क्षेत्र में विकास के दावे बहुत दिनों से किये जा रहे हैं.

श्रेय लेने के लिए अनेक लोग सामने दिखेंगे लेकिन जिम्मेदारी से कार्य कौन कर रहा है यह स्पष्ट नहीं हो पाया. यदि कार्य किया गया तो वह धरातल में दिखना भी चाहिए, हकीकत जानने के लिए जब क्षेत्रीय स्तर पर पहुंचेंगे तो कागज़ी आंकड़ों से अलग वास्तविक सच सामने दिखाई देता है.

सच से अनजान मध्यप्रदेश की सड़कों की तुलना वॉशिंगटन से करने वालों को विंध्य के शहर और गांवों का दौरा जरूर करना चाहिए. यह कहने का कारण है नीचे लिखे आंकड़े जो बताते हैं मध्यप्रदेश के बाकी हिस्सों के मुकाबले विंध्य आज भी क्यों पिछड़ा रह गया.

बिजली, सड़क, पानी या अन्य आधारभूत सुविधाओं के लिए यहां के लोग क्यों तरसते ही दिखाई दे रहे हैं?

बिजली संकट से जूझते विंध्य के लोग:-

बिजली के मामले में विंध्य में प्रति व्यक्ति बिजली खपत 517 किलोवाट है, जो कि राज्य की औसत 791 किलोवाट से कम है. एमपी में बिजली का कुल उत्पादन 19427 मेगावाट है, मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के अधीन स्थापित बिजली संयंत्रों की स्थापित क्षमता 9185 मेगावाट है. बाकी के संयंत्र केंद्र सरकार की एजेंसियों जैसे एनटीपीसी और एनएचडीसी के अधीन आते हैं.


आंकड़े देख पता चलता है कि मध्यप्रदेश में जितनी बिजली बनती है उसमें से 63 प्रतिशत विंध्य क्षेत्र में ही पैदा होती है, इसके बाद बदले में मिलता क्या है? केवल अंधेरा. विंध्य के किसानों को खेतों में सिंचाई करने के लिए पर्याप्त बिजली तक नहीं मिल पाती. सड़क के हाल और भी बेहाल हैं मध्यप्रदेश में औसतन हर हजार आदमी पर 1.51 किलोमीटर पक्की सड़कें हैं.


मालवा इसमें सबसे आगे है यहां हर हजार आदमी पर औसतन 1.76 किलोमीटर सड़कें हैं. इसके बाद नंबर आता है मध्य भारत क्षेत्र का, यहां औसत 1.45. किलोमीटर सड़के हैं. ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हर हजार आदमी पर 1.37 किलोमीटर सड़कें हैं. सबसे अंत मे नम्बर आता है विंध्य क्षेत्र का, यहां हर हजार आदमी पर केवल 0.87 किलोमीटर सड़कें हैं. यानी एक किलोमीटर भी नहीं.


विंध्य क्षेत्र से ली गई सबसे अधिक बिजली के बदले, यहां कितनी सड़कें मिल रही हैं. प्रदेश के बाकी हिस्सों के मुकाबले विंध्य कहां हैं? उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि विकास के खोखले वादे अभी भी अधूरे हैं. यहां की जनता इसी सोच में है कि कब मिलेगा हमारा अधिकार, हमारा हक़.


‘अपनापंचे’ के इस एपिसोड में आप विंध्य की सड़क-बिजली सहित आधारभूत संरचना से जुड़ी रोचक चर्चा देखेंगे. पूरा वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें.