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मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री से युवाओं की मांग बेहतर शिक्षा और रोज़गार

शिक्षा और रोज़गार

मध्यप्रदेश में युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार अवसर के वादे खूब हुए, नए मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण कर अपना कार्य प्रारम्भ किया जिसमे शुरूआत में ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर जिले में PM कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस खोलने की बात कही गई है. इस कॉलेज की विशेषता यह होगी कि यहाँ सभी पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे जिससे युवा बेहतर शिक्षा पा सकें, युवाओं की शिक्षा के बाद मुख्य मांग रोज़गार की है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यह मांग कब तक पूरी करेंगे यह चर्चा का मुख्य विषय है.

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले पटवारी भर्ती परीक्षा हुई जिसमे अनियमितता के कारण उसका परिणाम जाँच के घेरे में है इसकी जाँच चुनाव से पहले पूरी होनी थी लेकिन आज दिनांक तक जाँच के पूर्ण होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं. इसी प्रकार मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए mppsc की परीक्षा और उसके परिणाम का मामला क्लियर करना भी बड़ा मुद्दा है भले ही यह परीक्षा आयोग द्वारा ली जाती है लेकिन प्रदेश का मुखिया होने के नाते मुख्य्मंत्री की भूमिका महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरी होती है. जब मामला युवाओं की शिक्षा और रोजगार से जुड़ा हो तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं की मांग कब सुनेगी सरकार यह भी बड़ा सवाल है. युवाओं की शिक्षा और रोजगार के लिए मांग, कमर्चारियों की ओल्ड पेंशन जैसे मुद्दों पर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में लाड़ली बहना योजना भारी पड़ी जिस कारण भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है.

मोदी मैजिक:- प्रदेश में बहुमत पाते ही कुछ समय तक बीजेपी के नेताओं ने लाड़ली बहना के प्रभाव की बात तो की लेकिन, मुख्यमंत्री पद की चाहत और शिवराज सिंह चौहान को एक बार और मुख्यमंत्री बनने से रोकने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में जगह बनाने के जुगाड़ में भाजपा के जिम्मेदार नेताओं ने अपने सुर बदलते हुए मोदी मैजिक की बात को फैलाया हलांकि इस हेतु कार्य, म.प्र.चुनाव में अभियान शुरू होने के साथ ही जारी था, जब एमपी के मन में मोदी का नारा दिया गया था. अब मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने और राजेंद्र शुक्ला के उपमुख्यंत्री बनने के बाद अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे नेतृत्वकर्ता द्वारा कहा गया कि हम भविष्य के लिए नेता तैयार कर रहे हैं युवाओं को महत्व दे रहे हैं. जब सरकार बनने में युवा विधायक को प्राथमिकता दी जा रही है तो इन युवा जन प्रतिनिधियों को शिक्षा और रोज़गार की मांग कर रहे छात्रों की बात भी सुननी चाहिए.

लाड़ली बहना योजना :- मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के भाई शिवराज सिंह चौहान अब पूर्व मुख्यमंत्री हो चुके हैं, ऐसे में लाड़ली बहना के मन चिंता है कि वह सहयोग राशि आएगी या नहीं, इस बीच योजना में पत्रता जाँच जैसी ख़बर लाड़ली बहना योजना लाभार्थियों के मन में चिंता की लक़ीर को बढ़ाने वाली है. ये लाड़ली बहने अपने युवा बेटों के भविष्य को ताक में रखकर जिस भाई के भरोषे भाजपा को बहुमत में ले आईं क्या उनके नए मुख्यमंत्री भाई के जाने के बाद बहनो के साथ युवाओं के मांग सुनेगें.

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के कार्य को आसान करने एवं प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं. जिनमे विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और मालवांचल से जगदीश देवड़ा ने इस पद की शपथ ली है. क्या मुख्यमंत्री अपने दो उपमुख़्यमंत्रीयों के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य को बेहतर कर पाएंगे या फिर युवाओं की मांग यथावत रहेंगी. इसी प्रश्न के उत्तर को खोजता है अपनापंचे का यह एपिसोड पूरा विवरण जानने के लिए वीडियो जरूर देखें.