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MPPSC Exam: लोक सेवा आयोग के विवादित प्रश्नों पर HC की तल्ख टिप्पणी, क्या होगा मेंस 2023 का?

MPPSC Exam

मध्यप्रदेश राज्य सेवा आयोग की मेंस परीक्षा 2023 के अभ्यर्थी एक बार फिर परेशानी में पड़ गए हैं. पिछले 5 सालों से MPPSC में अनियमिताओं के कारण किसी भी साल के उम्मीदवार को नियुक्ति नहीं मिली थी. हाल ही में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद नियुक्तियों की प्रक्रिया पूर्ण की गई. वहीं 87,13,13 के मामले अभी भी अटके हुए ही हैं. लेकिन अब एक बार फिर एमपीपीएससी अभ्यर्थी का मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है.

दरअसल, जनवरी माह में MPPSC प्रीलिम्स 2023 की परीक्षा हुई. परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों की आंसर की आई, mppsc prelims के 3 प्रश्नों के आंसर्स में अभ्यर्थियों को आपत्ति थी, उन 3 प्रश्नों पर जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई. उच्च न्यायालय ने आयोग की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी की और याचिकाकर्ता उम्मीदवार को मेंस 2023 में बैठने के आदेश भी दिए हैं. पीएसी को लेकर हाईकोर्ट में लगी याचिका में अब अगली सुनवाई 12 मार्च को होनी है, लेकिन मेंस 2023 की परीक्षा 11 मार्च से शुरू होकर 16 मार्च तक आयोजित होगी.

मेंस 2023 को लेकर सभी अभ्यर्थी असमंजस में

यदि जबलपुर उच्च न्यायालय तीन प्रश्नों को लेकर कोई आदेश जारी करता है तो फिर यह कई उम्मीदवारों के अंतिम रिजल्ट को प्रभावित करेगा. प्रीलिम्स के रिजल्ट में एक बड़ा बदलाव हो सकता है. साथ ही जो उम्मीदवार कटऑफ के पास हैं, वो मेंस एक्जाम के लिए एलिजिबल हो जाते हैं. लेकिन, अगर हाईकोर्ट का आदेश 12 मार्च को आता भी है तो, जो एलिजिबल उम्मीदवार घोषित होंगे वह मेंस में कैसे बैठ पाएंगे?
इस मामले में न्यायालय क्या फैसला ले सकती है, इसके बारे में विंध्य फर्स्ट ने एडवोकेट बी.के. माला ले बात की. बी.के. माला का कहना है कि, माननीय न्यायालय के आदेश पर या तो आयोग को मेंस परीक्षा की तारीख बढ़ानी चाहिए, या फिर याचिकाकर्ता उम्मीदवार को परीक्षा में सम्मिलित कर लेना चाहिए. यदि न्यायालय का फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में आता है तो अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह जाएंगे.

न्यायालय का फैसला यदि अभ्यर्थी के पक्ष में आता है तो उन सभी अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिलेगा जिन्होंने आपत्ती दर्ज कराई थी. ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने आपत्ति दर्ज ही नहीं कराई, कोर्ट का फैसला कुछ भी हो उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा. बशर्ते अभ्यर्थियों ने याचिका दायर नहीं की लेकिन MPPSC के पास आपत्ति जताई थी उन्हें इसका फायदा मिलेगा.

सवालों में संशय हो तो ऐसे करें आवेदन

प्रीलिम्स एग्जाम के कुछ दिनों बाद ही आंसर की आती है. आंसर की आने के एक सप्ताह के भीतर ही अभ्यर्थियों को आपत्ति वाले प्रश्नों के लिए आवेदन करना होता है. आवेदन कहां करना होता है? कैसे करना होता है? इसकी क्या-क्या प्रक्रिया है? इसके लिए हमने विश्लेषक विनीत शुक्ला से बात की. उन्होंने बताया आवेदन करने के लिए MPPSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं, ऑब्जेक्शन के ऑप्शन पर जाकर आपत्ति दर्ज करें. आपत्ति वाले प्रश्नों की संख्या लिख ऑथेंटिक किताब के पृष्ठ की फोटो क्लिक कर अपलोड कर दें. अगर MPPSC आपत्ति स्वीकार कर प्रश्न डिलीट नहीं करता तो दो ऑप्शन खुल जाते हैं. पहला एमपीपीएससी दोनो उत्तरों को सही मानेगा. दूसरा आपको हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का ऑप्शन मिलेगा.