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चुरहट विधानसभा: क्या इसबार होगी अजय सिंह की वापसी या फिर bjp का दामन थामेगी जनता?

चुरहट विधानसभा

सीधी जिले की चुरहट विधानसभा सीट मध्यप्रदेश की राजनीति में हमेशा महत्वपूर्ण रही है. इस विधानसभा ने विधायक देने के साथ मध्यप्रदेश को एक मुख्यमंत्री भी दिया है. कांग्रेस पार्टी का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल जैसे पदों पर रहने वाले देश के बड़े नेता स्वर्गीय अर्जुन सिंह की जन्म भूमि के साथ उनका विधानसभा चुनाव क्षेत्र भी यही रहा है.

चुरहट विधानसभा के राजनीतिक इतिहास के पन्नों में कांग्रेस पार्टी की झलक ज्यादा देखने को मिलती है. कांग्रेस के अतिरिक्त बीजेपी ने यहां कुछ पन्नों में जगह बनाई है. लगभग 40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी के विधायक यहां से निर्वाचित होकर मध्यप्रदेश विधानसभा पहुंचते रहे हैं. अर्जुन सिंह के बाद उनके बेटे अजय सिंह राहुल पर लगातार कई साल तक यहाँ के लोगों ने भरोसा किया. कांग्रेस के विजयरथ पर विराम लगाने का कार्य किया बीजेपी के शरदेन्दु तिवारी ने. 2018 के चुनाव में इन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय अर्जुन सिंह को शिकस्त देकर विधानसभा भोपाल तक का सफर तय किया.

चुरहट विधानसभा चुनाव परिणाम

  • विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में सीधी जिले की चुरहट विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी शरदेन्दु तिवारी को 71909 वोट मिले यानी लगभग 45%. इनके नजदीकी प्रत्याशी रहे कांग्रेस के अजय अर्जुन सिंह को 65507 वोट मिले, प्रतिशत में देखें तो लगभग 41%. इस चुनाव में जीत का अंतर रहा 6402. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की ओर से विवेक कोल को 2997 वोट मिले थे.
  • विधानसभा चुना वर्ष 2013 में चुरहट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय अर्जुन सिंह को 71796 वोट मिले यानी लगभग 50%. इनके नजदीकी प्रत्याशी रहे बीजेपी के शरदेन्दु तिवारी, जिन्हें 52440 वोट मिले. प्रतिशत में देखें तो लगभग 37%. इस चुनाव में जीत का अंतर 19356 वोट का था.
  • विधानसभा चुना वर्ष 2008 में चुरहट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय अर्जुन सिंह को 45237 वोट मिले यानी लगभग 38%. इनके नजदीकी प्रत्याशी रहे बीजेपी के अजय प्रताप सिंह को 34402 वोट मिले. प्रतिशत में देखें तो लगभग 29%.  इस चुनाव में जीत का अंतर 10835 वोट का था.

चुरहट विधानसभा में इसके पहले लगातार कांग्रेस जीत दर्ज करती रही है इसी पार्टी की तरफ से पूर्व में मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री जैसे नेता भी प्रदेश को मिले हैं.