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रीवा: संजय गांधी अस्पताल फिर विवादों में!

रीवा: संजय गांधी अस्पताल फिर विवादों में!

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रीवा: संजय गांधी अस्पताल फिर विवादों में!

रीवा: रीवा के संजय गांधी अस्पताल में अखिलेश साहू की मौत के बाद परिजनों ने चक्का जाम कर हंगामा किया. पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए.

संजय गांधी अस्पताल फिर विवादों के घेरे में ठेला व्यवसायी अखिलेश साहू की मौत के बाद परिजनों का हंगामा रीवा का संजय गांधी अस्पताल एक बार फिर विवादों में आ गया है. यहाँ इलाज के दौरान ठेला व्यवसायी अखिलेश साहू की मौत हो गई, जिसके बाद परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल के बाहर चक्का जाम कर बैठ गए। लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए.

यह मामला अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है और कई सवाल पैदा कर रहा है कि आखिर कब तक लापरवाही के कारण आम लोगों की जान जाती रहेगी.

घटना की शुरुआत: करहिया मंडी में हमला

यह पूरी घटना 9 नवंबर को शुरू हुई. चौरहटा थाना क्षेत्र के करहिया मंडी में अखिलेश साहू अपना चाट का ठेला लगाए हुए थे. उसी दौरान व्यावसायिक विवाद के चलते स्थानीय युवक राजा सोंधिया और उसके साथियों ने अखिलेश पर हमला कर दिया.

हमला इतना गंभीर था कि अखिलेश को तुरंत संजय गांधी अस्पताल लाया गया. कई दिनों तक इलाज होता रहा, लेकिन हालत में सुधार नहीं आया. शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान अखिलेश की मौत हो गई.

मौत की खबर मिलते ही परिजनों का धैर्य टूट गया.

परिजनों का गुस्सा फूटा, चक्का जाम

अखिलेश की मौत की सूचना मिलते ही परिवार और स्थानीय लोग अस्पताल चौराहे पर इकट्ठा हो गए.
उनका आरोप था कि:

  • पुलिस ने हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की

  • शुरू से ही मामले को हल्के में लिया गया

  • आरोपियों को खुला घूमने दिया गया

  • अस्पताल में भी सही समय पर इलाज नहीं मिला

गुस्से में लोगों ने सड़क जाम कर दी. अस्पताल चौराहे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं.

लोगों की मांग थी कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और परिवार को न्याय मिले.

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पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंचा.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने परिजनों से बात की और समझाइश दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि:

  • आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी

  • परिवार को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी

  • जिन लोगों ने धमकी दी थी या हमले में शामिल थे, उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा

बातचीत के बाद धीरे-धीरे भीड़ शांत हुई, लेकिन लोगों का गुस्सा और दर्द साफ दिखाई दे रहा था.

संजय गांधी अस्पताल पर बार-बार आरोप क्यों लगते हैं?

संजय गांधी अस्पताल रीवा और आसपास के जिलों का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. लेकिन पिछले कई वर्षों से इस अस्पताल पर लगातार सवाल उठते रहे हैं.

लोगों की शिकायतें इस प्रकार रहती हैं:

  • इलाज में देरी

  • डॉक्टरों की अनुपस्थिति

  • नर्सिंग स्टाफ की अनदेखी

  • जांच रिपोर्ट समय पर न मिलना

  • गंभीर मरीजों को उचित सुविधा न मिलना

अखिलेश की मौत ने इन आरोपों को फिर से हवा दे दी है. लोगों का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाएँ बार-बार मरीजों की जान पर भारी पड़ रही हैं.

क्या पुलिस की देर ने हालात बिगाड़ दिए?

परिजनों का सबसे बड़ा आरोप यह है कि पुलिस ने शुरुआत में ही मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

स्थानीय लोगों का कहना है:

  • अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती

  • अगर आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार किया जाता

  • अगर सख्त कदम उठाए जाते

तो शायद हालात इतने नहीं बिगड़ते.

व्यावसायिक रंजिश के कारण झगड़े पहले भी हुए हैं, लेकिन इस बार मामला मौत तक पहुंच गया. इससे पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठना स्वाभाविक है.

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परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

अखिलेश साहू एक छोटे ठेले पर चाट बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर करते थे. वे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे.

उनकी मौत से:

  • परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई

  • बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो गया

  • पत्नी और बुजुर्ग माता-पिता पूरी तरह टूट गए

यह केवल एक घटना नहीं है, बल्कि एक परिवार का उजड़ना है.

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

अस्पताल चौराहे पर मौजूद लोगों ने कहा कि यह सिर्फ एक इंसान की मौत नहीं है, बल्कि सिस्टम की असफलता है.

लोगों का कहना है कि:

  • हर बार आश्वासन दिया जाता है

  • लेकिन कार्रवाई जमीन पर दिखती नहीं

  • ऐसे मामलों में पीड़ित परिवार अकेला पड़ जाता है

लोगों ने कहा कि इस बार मामले को दबने नहीं दिया जाएगा और आरोपी जल्द गिरफ्तार होने चाहिए.

इस घटना ने उठाए महत्वपूर्ण सवाल

  1. क्या पुलिस अगर तुरंत कार्रवाई करती, तो अखिलेश की जान बच सकती थी?

  2. करहिया मंडी में व्यावसायिक विवाद को लेकर लगातार बढ़ते झगड़ों पर कब रोक लगेगी?

  3. संजय गांधी अस्पताल में बार-बार विवाद क्यों होते हैं?

  4. क्या अस्पताल और प्रशासन की कमी किसी और की जान लेगी?

  5. क्या इस मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी या यह भी अन्य मामलों की तरह शांत हो जाएगा?

ये सवाल अब सिर्फ परिवार नहीं, पूरा रीवा पूछ रहा है.

अखिलेश साहू की मौत ने रीवा शहर को हिला दिया है. इस घटना ने पुलिस, प्रशासन और अस्पताल की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

लोग अब इंतजार कर रहे हैं कि:

  • क्या आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे?

  • क्या अस्पताल में सुधार होगा?

  • क्या परिजनों को न्याय मिलेगा?

अगर इस बार भी मामले को हल्के में लिया गया, तो यह संजय गांधी अस्पताल के विवादों की लंबी सूची में एक और जोड़ बनकर रह जाएगा.

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