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देवसर विधानसभा: हमेशा BJP को टक्कर देने वाली कांग्रेस क्या इस बार मारेगी बाज़ी ?

मध्यप्रदेश की देवसर विधानसभा सिंगरौली जिले में आती है, यह जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र को बीजेपी के मजबूत किले के रूप में जाना जाता है. इसका कारण है, यहां पिछले चुनावों में मिलने वाली जीत.

देवसर विधानसभा का चुनावी इतिहास दो पार्टी से आगे बढ़कर चार पार्टियों के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा है. यहां जीत बीजेपी को ज्यादा मिली, कांग्रेस हर बार टक्कर में रही, लेकिन हार जीत में बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भूमिका प्रभावी रही है. भले ही बसपा और गोंगपा देवसर में चुनाव नहीं जीत पाईं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस की हार जीत इनके प्रत्याशियों के वोट पाने पर निर्भर रही.

2008 से 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर

•विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में देवसर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुभाष राम चरित्र को 63265 वोट मिले यानी लगभग 38%. इनके नजदीकी उम्मीदवार रहे कांग्रेस के वंशमणि वर्मा. इन्हें 52617 वोट मिले यानी लगभग 31%. तीसरे नम्बर पर रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुरेंद्र प्रजापति. इन्हें 18320 वोट मिले यानी लगभग 11%. इस चुनाव में जीत का अंतर 10678 वोट का था. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने संघर्ष को नजदीकी बनाया था.

•विधानसभा चुनाव वर्ष 2013 में देवसर से बीजेपी के प्रत्याशी राजेन्द्र मेश्राम को 64217 वोट मिले यानी लगभग 47%. इनके नजदीकी उम्मीदवार रहे कांग्रेस के वंशमणि वर्मा. इन्हें 31003 वोट मिले यानी लगभग 23%. इस चुनाव में जीत का अंतर 33214 वोट का था.

•विधानसभा चुनाव वर्ष 2008 देवसर से बीजेपी के प्रत्याशी राम चरित्र रामप्यारे को 54404 वोट मिले यानी लगभग 54%. इनके नजदीकी रहे उम्मीदवार रहे कांग्रेस के वंशमणि प्रशाद वर्मा. इन्हें 19881 वोट मिले यानी लगभग 20%. इस चुनाव में जीत का अंतर 34523 वोट का था.