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Toggleकांग्रेस बनाम बीजेपी: भारतीय राजनीति का वेलफेयर मॉडल
कांग्रेस बनाम बीजेपी: आज़ादी के बाद से ही भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा सवाल रहा—आम जनता तक विकास और सुविधाएँ कैसे पहुँचें?
कौन-सी पार्टी देश को आगे बढ़ाने का सही मॉडल लेकर आई और क्या योजनाएँ वाकई जनता तक पहुँचीं? यही बहस आज भी जारी है.
जहाँ कांग्रेस ने जनता को “अधिकार” दिए—काम का हक़, भोजन का हक़ और जानकारी का हक़… वहीं बीजेपी ने उन्हीं अधिकारों को सुविधा और टेक्नोलॉजी से जोड़कर घर-घर पहुँचाने का दावा किया यानी खेल एक ही—वेलफेयर पॉलिटिक्स, लेकिन तरीका दोनों का अलग.
ग्रेस का वेलफेयर मॉडल: अधिकार आधारित राजनीति
आज़ादी के तुरंत बाद भारत के सामने चुनौतियाँ थीं—गरीबी, भूख और बुनियादी ढांचे की कमी। कांग्रेस, जिसने लंबे समय तक सत्ता संभाली, ने “वेलफेयर पॉलिसी” का ढांचा खड़ा किया.
कांग्रेस की प्रमुख योजनाएँ
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1951 – पहला पंचवर्षीय योजना: खेती और सिंचाई पर फोकस, किसानों को सहारा.
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1969 – बैंकों का राष्ट्रीयकरण: गरीबों और किसानों को कर्ज की सुविधा.
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1975 – ICDS: महिलाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य के लिए आंगनवाड़ी प्रणाली.
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2005 – मनरेगा: ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार गारंटी.
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2005 – सूचना का अधिकार (RTI): पारदर्शिता और सरकारी कामकाज पर जनता की नज़र.
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2009 – आधार: नागरिक की यूनिक पहचान (बाद में विस्तार बीजेपी ने किया).
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2013 – खाद्य सुरक्षा कानून: 80 करोड़ लोगों को सस्ते अनाज का कानूनी हक़.
कांग्रेस का मॉडल साफ़ था—जनता को हक़ दो, ताकि वो सरकार से मांग सके.
बीजेपी का वेलफेयर मॉडल: सुविधा और टेक्नोलॉजी
2014 में सत्ता में आई बीजेपी ने कांग्रेस की नीतियों को नया रूप दिया। यहाँ फोकस था डिजिटल और डायरेक्ट डिलीवरी.
बीजेपी की प्रमुख योजनाएँ
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2014 – जन-धन योजना: हर घर बैंक खाता, 50 करोड़ से ज्यादा खाते.
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2014 – स्वच्छ भारत मिशन: 11 करोड़ शौचालय और ODF भारत का दावा.
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2016 – उज्ज्वला योजना: 9 करोड़ महिलाओं को LPG कनेक्शन.
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2017 – GST: टैक्स सिस्टम में बड़ा सुधार.
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2018 – आयुष्मान भारत: 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस, 50 करोड़ से ज्यादा लोग कवर.
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2019 – पीएम किसान सम्मान निधि: 11 करोड़ किसानों को सालाना ₹6000.
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2019 – जल जीवन मिशन: हर घर नल से जल, 14 करोड़ परिवार जुड़े.बीजेपी का मॉडल था—“सुविधा + टेक्नोलॉजी = सीधे जनता तक डिलीवरी”.
कांग्रेस बनाम बीजेपी: सीधी तुलना
पहलू | कांग्रेस (1947–2014) | बीजेपी (2014–अब तक) |
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फोकस | अधिकार आधारित योजनाएँ | सुविधा और डिजिटल डिलीवरी |
स्वास्थ्य | NRHM, ICDS | आयुष्मान भारत, जनऔषधि |
ग्रामीण | मनरेगा, RTI | पीएम किसान, जल जीवन मिशन |
फाइनेंस | बैंक राष्ट्रीयकरण, आधार | जन-धन, UPI, DBT |
आलोचना | भ्रष्टाचार, फंड लीक | घोषणाएँ ज्यादा, जमीनी असर पर सवाल |
जनता क्या चाहती है?
तस्वीर साफ़ है—
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कांग्रेस ने जनता को अधिकार दिए.
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बीजेपी ने उन्हीं अधिकारों को सुविधा और टेक्नोलॉजी से जोड़कर घर-घर पहुँचाने की कोशिश की.
लेकिन बड़ा सवाल यही है—क्या जनता को गारंटी चाहिए यानी हक़, या फिर तुरंत सुविधा यानी सर्विस?
आख़िरकार, लोकतंत्र में फैसला जनता ही करती है और वही तय करेगी कि भारत का अगला रास्ता कौन सा होगाा.