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Toggleमई 2025 में असामान्य बारिश: भारत में मौसम का बदलता मिज़ाज और इसके गहरे प्रभाव
मई 2025 में असामान्य बारिश: भारत में मई 2025 का मौसम ऐतिहासिक रूप से असामान्य और अप्रत्याशित रहा. जहां आमतौर पर मई महीने लू और भीषण गर्मी का बोलबाला होता है, वहीं इस बार देशभर में भारी बारिश, ओलावृष्टि और तूफानों ने सबको चौंका दिया. इस साल मई में भारत में औसत से 85.7% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई.
मध्य भारत में सामान्य से 402%, दक्षिण भारत में 165%, और उत्तर-पश्चिम भारत में 24.7% अधिक वर्षा हुई. पूरे प्री-मानसून सीज़न (1 मार्च से 31 मई) में देश में औसतन 28.3% अधिक बारिश दर्ज की गई. इसके विपरीत, पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में बारिश सामान्य से कम रही.
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कुछ क्षेत्रों में तो बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए:
- सौराष्ट्र और कच्छ: 17 गुना
- गुजरात सबडिवीजन: 12 गुना
- कोंकण और गोवा: 19 गुना
- विदर्भ: 4 गुना अधिक वर्षा
24 मई को मानसून केरल पहुंच गया, जो सामान्य से आठ दिन पहले है — 2009 के बाद सबसे जल्दी. हालांकि, IMD के महानिदेशक एम. मोहपात्रा का कहना है कि मई की बारिश का दीर्घकालिक मानसून पर कोई सीधा असर नहीं होगा.
इस बारिश की प्रमुख वजह पश्चिमी विक्षोभों की असामान्य सक्रियता रही, जो सामान्यतः सर्दियों में उत्तर भारत तक सीमित रहते हैं, लेकिन इस बार मई में मध्य भारत तक फैल गए. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आने से भारी बारिश, गरज-चमक, और ओलावृष्टि हुई. वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रशांत महासागर में असामान्य गर्मी भी इस बदलाव का कारण हो सकती है.
मई की शुरुआत में लू की चेतावनी थी, लेकिन देश भर में आंधी, ओले और तेज बारिश देखने को मिली. 2 मई को दिल्ली में 1901 के बाद दूसरी सबसे भारी बारिश हुई, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई. 25 मई को एयरपोर्ट की छत गिरने की घटना ने हालात की गंभीरता को दर्शाया.
कृषि पर गहरा प्रभाव:
गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और तेलंगाना में फसलें बर्बाद हो गईं. यूपी में आम और केले की फसलें गिर गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ.