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Toggleभारत का ऑपरेशन सिंदूर: आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति का नया अध्याय
भारत का ऑपरेशन सिंदूर: हम भारत की एक ऐसी सैन्य रणनीति पर चर्चा करेंगे, जिसने न केवल सामरिक विरोधियों को चौंकाया बल्कि वैश्विक रक्षा परिदृश्य में एक नया मानक स्थापित किया. यह है ऑपरेशन सिंदूर – भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का जीवंत उदाहरण.
‘मेक इन इंडिया‘ से आत्मनिर्भरता तक
2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया‘ पहल ने भारत के रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए. इसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता कम करना और रणनीतिक गतिशीलता हासिल करना था. एक दशक बाद, इसका परिणाम ऑपरेशन सिंदूर के रूप में सामने आया.
ऑपरेशन सिंदूर: एक रणनीतिक कदम
यह ऑपरेशन सिर्फ एक सीमा-पार सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन था. मात्र चार दिनों में, भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी हथियारों का उपयोग करके सटीक और प्रभावी हमले किए. इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल हुआ.
मुख्य उपकरण और उनकी भूमिका
- ब्रह्मोस मिसाइल – सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, जिसकी गति मैक 3 तक है.
- आकाशतीर – एआई-संचालित वायु रक्षा प्रणाली, जो पश्चिमी प्रणालियों से कम लागत में अधिक कुशल है.
- ड्रोन तकनीक – स्काईस्ट्राइकर और हारोप जैसे ड्रोन्स ने सटीक निशानेबाजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पाकिस्तान की विफलता और चीन की चुनौती
पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियाँ, जैसे LY-80, HQ-9/P और FM-90, भारत के हमलों को रोकने में पूरी तरह विफल रहीं. यह न केवल पाकिस्तान की कमजोरी को उजागर करता है बल्कि चीन द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों की सीमाओं को भी दर्शाता है.
लागत-दक्षता और भारत की रणनीतिक बढ़त
- ब्रह्मोस मिसाइल की प्रति इकाई लागत $4.85 मिलियन है, जो अमेरिकी टॉमहॉक से कुछ ज़्यादा है, लेकिन इसकी गति और मारक क्षमता इसे बेहतर बनाती है.
- आकाशतीर प्रणाली की लागत 240 मिलियन डॉलर है, जो पश्चिमी विकल्पों की तुलना में काफी किफायती है.
भविष्य की रणनीति: आत्मनिर्भरता की ओर
भारत ने रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- रक्षा बजट में स्वदेशी खरीद का हिस्सा 30% से बढ़ाकर 65% किया गया है.
- 2030 तक, 90% स्वदेशीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
- रक्षा क्षेत्र में अब 74% तक एफडीआई की अनुमति है, जो विदेशी निवेशकों को स्थानीय उत्पादन में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है.
एक नए युग की शुरुआत
ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि भारत अब रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर हो रहा है. यह न केवल एक सैन्य सफलता है बल्कि भारत की वैश्विक रक्षा शक्ति के रूप में उभरने का संकेत भी है.
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