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Long Covid मरीजों के बढ़ रहे सुसाइड केस, जानिए वैक्सीन के बाद भी क्यों बना रहता है खतरा

कोविड के नए वेरिएंट से भी लोग प्रभावित हुए हैं.

दुनिया के इतिहास में साल 2020 प्रमुख तौर पर कोविड (Covid) महामारी के लिए जाना जाता है. यह साल गुजरे हुए 1000 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. लेकिन 160 से अधिक मुल्कों के लोग अब भी इस बीमारी के खौफ से पूरी तरफ से बाहर नहीं निकल पाए हैं. कोविड से उबरने के बाद Long Covid बीमारियों की चपेट में आने वाले कई लोग सुसाइड का रास्ता भी चुन रहे हैं. ऐसा ही एक केस 27 अप्रैल 2022 को 27 साल के अभिजीत तवारे के साथ भी हुआ. मौत को गले लगाने वाले अभिजीत अपने सुसाइड नोट में लिखते हैं की मैं अपनी बीमारी के साथ और जीना नहीं चाहता. सितंबर 2020 में उन्हें covid हुआ था. बाद में वो पूरी तरह से रिकवर भी हो गए लेकिन कोविड के बाद long covid symptoms की वजह से वो काफी परेशान थे. जिसकी वजह से वो सुसाइड कर लेते हैं. ऐसे में हमें यह जानना जरूरी है कि क्या covid के बाद उसका नया वेरिएंट (variant) सामने आया है? क्या जिन लोगों को covid vaccine लग चुकी है उन्हें भी खतरा है. इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़िए विंध्य फर्स्ट की ये खास रिपोर्ट.

Long COVID क्या है
कोरोना वायरस के आने के साथ ही इसके लिए वैक्सीन (VACCINES) पर रिसर्च शुरू हो गई थी. लगभग दुनिया भर के मुल्कों में लोगों को कोरोना से बचाने के लिए वैक्सीन भी लगाई जा चुकी है. लेकिन हाल ही में हुए एक रिसर्च में यह पाया गया कि जो भी मरीज covid से पीड़ित हुए थे वो अब long covid से जूझ रहे हैं. बता दें कि Long COVID को पुराना COVID या पोस्ट-एक्यूट कोविड भी कहा जाता है, यह वे लक्षण हैं जो एक व्यक्ति के तीव्र COVID-19 संक्रमण से उबरने के बाद कई सप्ताह, महीनों यहां तक कि कई सालों तक बने रहते हैं. ये लक्षण शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें श्वसन, कार्डियोवैस्कुलर, न्यूरोलॉजिकल और मांसपेशियों के तंत्र शामिल हैं. यह आपकी ताकत (Energy), सोचने की क्षमता, स्वाद या फिर गंध को भी चुरा सकता है.

Long COVID होने पर क्या होता है

  • थकान और मांसपेशियों में कमजोरी
  • सांस की तकलीफ और छाती में दर्द
  • भूलने की बीमारी
  • नींद की समस्या
  • ANXIETY और चिंता
  • जोड़ों में दर्द और गठिया
  • सिरदर्द और माइग्रेन
  • डाइजेशन की समस्या

नेचर की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक फाइब्रिनोजेन एक घुलनशील प्रोटीन होता है जो लीवर में बनता है और बाद में अघुलनशील फाइब्रिन में बदल जाता है. जब भी हमें चोट लगती है या शरीर से खून बहता है तो फाइब्रिन कैस्केड थक्का जमाता है. लेकिन covid 19 की चपेट में आने वाले लोगों के शरीर में असामान्य और अनियंत्रित रूप से थक्का जमने लगता है. जो शरीर को अन्दर ही अन्दर काफी कमजोर बनाता है और कई Long covid के लक्षणों को जन्म देता है.

Long covid से बचाव कैसे करें
अगर आपने अपना Vaccination अभी नहीं करवाया है तो जरुर करवाए. ये Long covid को रोकने में काफी हद तक कारगर है. इसके अलावा Antiviral medicines काफी कारगर है. जब भी किसी व्यक्ति को कोविड होता है तो डॉक्टर्स सबसे पहले उन्हें antiviral medicines ही देते हैं. सबसे जरुरी बात यह है कि हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के जरिए हर तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. शरीर में हो रहे किसी भी बदलाव और लक्षणों की पहचान करें और उन्हें नजरंदाज किए बिना डॉक्टर की सलाह लें.

कोविड ने हमारे जीवन को कितना अधिक खराब किया है जानने के लिए देखिए ये खास वीडियो।।