भारत में पैन कार्ड धारकों की संख्या 78 करोड़ से अधिक है. इन कार्ड धारकों के लिए भारत सरकार ने PAN 2.0 परियोजना की घोषणा की है. आयकर विभाग की ओर से शुरू PAN 2.0 को भारत के डिजिटल टैक्सेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को ज्यादा उन्नत और यूजर्स फ्रेंडली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. हालांकि इस परियोजना के लागू होने के साथ ही पैन कार्ड धारकों के कई सवाल हैं. ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि भारत सरकार की PAN 2.0 परियोजना क्या है? साथ ही PAN 2.0 के आने के बाद क्या पुराने पैन कार्ड को बंद कर दिया जाएगा.
पैन 2.0 क्या है
पैन 2.0 भारत में पैन कार्ड सिस्टम का नया और एडवांस वर्जन है. इसे करदाता सेवाओं को बेहतर बनाने और व्यवसायों के लिए प्रक्रियाओं को आसन बनाने के लिए विकसित किया गया है. यह डिजिटल इंडिया पहल के तहत लाया गया है. यह कराधान प्रणाली (Taxation System) को ज्यादा डिजिटल, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर केंद्रित है.
पैन 2.0 जरुरी है
PAN 2.0 के तहत वर्तमान पैन सिस्टम को डिजिटलाइज़ किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट देश के 78 करोड़ PAN और 73.28 लाख TAN खातों के लिए एकीकृत पोर्टल लाएगा. अब तक पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स (e-Filing पोर्टल, UTIITSL पोर्टल और Protean e-Gov पोर्टल) पर उपलब्ध थीं. लेकिन PAN 2.0 इन सभी को एक कर एक सिंगल यूनिफाइड पोर्टल लाएगा, जहां पैन और टैन से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी.
पैन कार्ड क्या है
पैन कार्ड (PAN Card) भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया एक यूनिक आइडेंटिटी कार्ड है. इसका पूरा नाम Permanent Account Number यानी स्थायी खाता संख्या है. आयकर विभाग यह कार्ड उन लोगों, कंपनियों और संस्थाओं को जारी करता है, जो इनकम टैक्स (Income tax) का भुगतान करते हैं. इसके अलावा वित्तीय लेन-देन करने वाले लोगों के लिए भी पैन कार्ड जारी किए जाते हैं. भारत में PAN कार्ड की शुरुआत 1972 में हुई थी. उस समय पैन कार्ड मैन्युअल रूप से जारी किया जाता था और इसका उपयोग भी सीमित था. इसके बाद 1995 में आधुनिक PAN सिस्टम को लागू किया गया. साल 2000 की शुरुआत में PAN को और प्रभावी बनाने के लिए इसे डिजिटलीकरण (Digitalisation) से जोड़ा गया. बाद में PAN को आधार और बैंकिंग सिस्टम से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया और आज PAN कार्ड बैंकिंग और कई अन्य प्रकार के लेनदेन के लिए एक जरूरी दस्तावेज बन गया है.
आयकर विभाग जारी करता है पैन नंबर
पैन कार्ड में 10 अंकीय PAN नंबर होता है जिसे अल्फ़ान्यूमेरिक कोड कहते है, इस कोड को भारत के आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है. यह किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था की वित्तीय पहचान को सुनिश्चित करता है. खास बात यह है कि किसी भी व्यक्ति कंपनी या संस्था का जीवन में सिर्फ एक ही बार पैन कार्ड बनता है. दूसरा पैन कार्ड बनवाना कानूनी तौर पर अपराध है. इसके लिए सजा का प्रावधान है.
नए पैन कार्ड में क्या नया है
PAN 2.0 को मौजूदा प्रणाली को सुधारने के मकसद से लाया गया है. नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड जोड़ा गया है. इससे करदाताओं को उनके रिकॉर्ड तक तुरंत और सुरक्षित पहुंच मिलेगी. तत्काल e-PAN जिसके तहत आधार नंबर के माध्यम से पैन कार्ड तुरंत ऑनलाइन जनरेट किया जा सकता है. डिजिटल फोकस e-PAN एक वैध डिजिटल दस्तावेज़ के रूप में काम करेगा और इसमें फिजिकल कॉपी की जरूरत नहीं होगी. वहीं डेटा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नई साइबर सुरक्षा सुविधाएं जोड़ी गई हैं. इसके अलावा पैन और टैन सेवाओं का एकीकरण इस प्रक्रिया को सरल और अधिक कुशल बनाता है.
पैन के क्यूआर कोड से क्या होगा
बता दें कि क्यूआर कोड को 2017-18 से पैन कार्ड में शामिल किया गया था. पैन 2.0 प्रोजेक्ट के तहत डायनेमिक क्यूआर कोड जैसे एन्हांसमेंट के साथ इसे जारी रखा जाएगा जो पैन डेटाबेस में मौजूद नए डेटा शो करेगा. जिन पैन धारकों के पास क्यूआर कोड के बिना पुराना पैन कार्ड है, उनके पास मौजूदा पैन 1.0 इकोसिस्टम के साथ-साथ पैन 2.0 में क्यूआर कोड के साथ नए कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प है. इस तरह नए पैन कार्ड में कई अपडेट किए गए हैं जो पुराने पैन कार्ड को सुविधापूर्ण बनाता है.
नए पैन के आने के बाद पुराने पैन का क्या होगा
बता दें कि पैन 2.0 के शुरू होने के बाद भी पुराने पैन कार्ड वैध रहेंगे. इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी. पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम अनिवार्य होगा. साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा. इसके अलावा पुराने कार्ड धारकों को नए कार्ड लेने के लिए या अपडेट कराने की भी कोई जरुरत नही है.
पैन कार्ड से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए देखिए ये वीडियो।।