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रामबाण इलाज है घर में बना यह काढ़ा, जानिए पूरी रेसिपी, सर्दी-खांसी की होगी छुट्टी

इस समय देश भर में सर्दी का मौसम है. खास तौर पर उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप जारी है. ऐसे में लोगों को सर्दी जुकाम की समस्या हो रही है. वायरल फीवर के साथ गले में खराश की समस्या होना आम बात है. हालांकि इसका उपचार हर घर की रसोई में मौजूद है. कोई भी व्यक्ति घर पर ही आयुर्वेदिक काढ़ा (Homemade Kadha) तैयार कर सकता है. यह काढ़ा सर्दी, खांसी और अन्य श्वसन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है. काढ़ा पीने से शरीर में ताजगी बनी रहती है. मन साफ रहता है और किसी भी काम को करने में आनंद आता है.

बता दें कि विंध्य का इलाका हमेशा से ही अपने खान पान को लेकर प्रसिद्ध रहा है. यहां मिलने वाली बघेली थाली की एक अलग ही पहचान है. विंध्य के पारंपरिक भोजन देश और दुनिया भर में मशहूर हैं. ऐसे में आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि घर पर आप आयुर्वेदिक काढ़ा कैसे बना सकते हैं. काढ़ा बनाने के लिए आपको कालीमिर्च, सोंठ, तुलसी, दालचीनी और इलायची जैसे इंग्रेडिएंट्स की जरूरत होती है. काढ़ा पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है.

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सर्दियों में काढ़ा बनाने की विधि
एक कप काढ़ा बनाने के लिए तीन काली मिर्च, एक इलायची, एक लौंग, तुलसी के पत्ते, लेमन ग्रास और थोड़ी सी दाल चीनी लें. आधी पिप्पली, थोड़ी सी सोंढ़ और वच लेकर अच्छे से कूट लें. इसमें 2 कप पानी मिलाकर अच्छे से उबाल लें. जब इसमें एक चौथाई बचे तो इसे छानकर कप में निकाल लें. यह शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है.

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वच के लाभ
वच के पौधे की जड़ औषधीय गुणों से भरपूर होती है. वच का स्वाद तीखा और कड़वा होता है. इसकी तासीर गर्म होती है. यह आमतौर पर गीले और दलदली क्षेत्रों में पाया जाता है. कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों के उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है. वच की जड़ को घिसकर छोटे बच्चों को घुट्टी भी दी जाती है.

सोंढ़, काली मिर्च, और पिप्पली का पाउडर
काढ़े के अलावा सोंढ़, काली मिर्च, और पिप्पली का पाउडर भी बनाया जा सकता है. इस पाउडर को मधु के साथ मिलाकर गले की खराश दूर होती है. इसी प्रकार 7 औषधीय तत्वों से मिलकर बने पाउडर को खाने से गला साफ होता है और आवाज भी काफी मधुर होती है.

जड़ीबूटियों वाला काढ़ा घर में बनाने के लिए देखिए पूरा वीडियो।।

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