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करोड़ों के अस्पताल में इलाज का अभाव, मजबूरी में रेफर हो रहे पेशेंट, पढ़िए आंखों देखा हाल

अमरपाटन सिविल अस्पताल (Amarpatan Civil Hospital) में मेडिकल स्टॉफ का अभाव है. हॉस्पिटल का वॉचमैन लाइन में लगे मरीजों की पर्ची काटने का काम करता है. वर्तमान में यहां पर पदस्थ 5 से 6 डॉक्टरों के ऊपर ही पूरी जिम्मेदारी है. मेडिकल स्टॉफ की कमी के कारण इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मैहर (Maihar) जिले के अमरपाटन (Amarpatan) में 8 करोड़ की लागत से सिविल अस्पताल (Civil Hospital) बनाया गया है. 100 बिस्तरों वाला यह अस्पताल बाहर से देखने में काफी खूबसूरत है. लेकिन यहां आने वाले मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है. मरीजों को मजबूरी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospital) का रुख करना पड़ता है. अमरपाटन सिविल अस्पताल (Amarpatan Civil Hospital) में आने वाले मरीज सरकारी दवाइयों के लिए भी मोहताज हैं. डॉक्टरों की लिखी हुई दवाइयां भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती हैं ऐसे में प्राइवेट मेडिकल स्टोर से मरीजों के परिजन दवाइयां खरीदने को मजबूर होते हैं. बता दें कि 8 करोड़ की लागत से 100 बिस्तरीय अस्पताल में आज तक लिफ्ट नहीं लग पाई है. इतना ही नहीं मरीजों को अस्पताल के बरामदे में ही एडमिट किया जाता है. ग्रामीण इलाका होने के कारण हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पताल के लिए पहुंचते हैं.

अस्पताल में मेडिकल स्टॉफ का अभाव
अमरपाटन सिविल अस्पताल में मेडिकल स्टॉफ का अभाव है. कर्मचारियों की इतनी कमी है कि हॉस्पिटल का वॉचमैन लाइन में लगे मरीजों की पर्ची काटने का काम करता है. वर्तमान में यहां पर पदस्थ 5 से 6 डॉक्टरों के ऊपर ही पूरी जिम्मेदारी है. ऐसे में मेडिकल स्टॉफ की कमी के कारण इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई मरीजों को यहां पर इलाज के लिए भटकना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही का दंश आम जनता को भुगतना होता है. अस्पताल में गंदगी का अंबार है. सुबह होते ही यहां पर रोते बिलखते पेसेंटों की लंबी कतार लगना शुरू हो जाती है.

इलाज के नाम पर सिर्फ मरहम पट्टी
100 बिस्तरीय अमरपाटन सिविल अस्पताल में हफ्ते के सातों दिन 24 घंटें इलाज की सुविधा मौजूद है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए यहां पर पीएसी और सीएचसी के डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन ये डॉक्टर सिर्फ दिन में ही मौजूद रहते हैं. रात के वक्त मरीजों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया जाता है. यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं. लेकिन यहां इलाज के नाम पर सिर्फ मरहम पट्टी की जाती है. अस्पताल के दवा वितरण केंद्र पर भी बहुत सीमित दवाइयां ही मौजूद हैं.

ग्रामीण इलाका होने के कारण है परेशानी
हॉस्पिटल में भीड़ के मुताबिक पर्याप्त डॉक्टर और नर्से नहीं हैं. ग्रामीण इलाका होने के कारण यहां पर निगरानी के लिए टीमें भी नहीं पहुंचती हैं, यही कारण है कि स्थानीय स्तर पर लापरवाही लगातार जारी है. कहने को तो यह हॉस्पिटल सरकारी है, बावजूद इसके यहां के भर्ती मरीजों को सभी सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

अमरपाटन सिविल अस्पताल में मरीजों को होने वाली समस्याओं को जानने के लिए देखिए ये वीडियो।।