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बच्चों को दूध पिलाने का बेस्ट टाइम: गलत समय पर दूध पिलाना बिगाड़ सकता है बच्चे की ग्रोथ? जानें सुबह या शाम क्या है सही

बच्चों को दूध पिलाने का बेस्ट टाइम: गलत समय पर दूध पिलाना बिगाड़ सकता है बच्चे की ग्रोथ? जानें सुबह या शाम क्या है सही 

बच्चों को दूध पिलाने का बेस्ट टाइम: गलत समय पर दूध पिलाना बिगाड़ सकता है बच्चे की ग्रोथ? जानें सुबह या शाम क्या है सही 

बच्चों को दूध पिलाने का बेस्ट टाइम: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे. दूध बच्चे के विकास के लिए एक आवश्यक पोषण स्रोत है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ दूध देना ही काफी नहीं है, बल्कि उसे सही समय पर देना भी उतना ही जरूरी है. जी हां, दूध पिलाने का गलत समय आपके बच्चे की ग्रोथ, पाचन और नींद पर बुरा असर डाल सकता है.

दूध पिलाने का सही समय क्यों है जरूरी?

दूध प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर होता है. लेकिन इसे पचाने में समय लगता है. गलत समय पर दिया गया दूध बच्चे के पेट में भारीपन, गैस, कब्ज या अपच की समस्या पैदा कर सकता है. इससे बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उसकी नींद भी खराब हो सकती है. लंबे समय में, इसका असर उसकी समग्र वृद्धि और विकास पर पड़ सकता है.

बच्चों को दूध पिलाने का बेस्ट टाइम क्या है?

1. सुबह का समय (सबसे अच्छा):
सुबह का समय दूध पिलाने के लिए आदर्श माना जाता है. सुबह नाश्ते के साथ या नाश्ते के बाद दूध दिया जा सकता है. इस समय शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है और दूध में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ जाती है. सुबह का दूध बच्चे को दिनभर एनर्जी देता है.

2. शाम का समय (संतुलित विकल्प):
दिन के खाने के बाद या शाम के नाश्ते के समय भी दूध दिया जा सकता है. हालांकि, ध्यान रखें कि रात के खाने से ठीक पहले दूध न दें. इससे बच्चे की भूख मर सकती है और उसे पोषक भोजन नहीं मिल पाता.

3. रात का समय (सोने से कम से कम 1-2 घंटे पहले):
कई माता-पिता बच्चे को सुलाने से ठीक पहले दूध पिलाते हैं. यह आदत ठीक है, लेकिन सोने से कम से कम एक से डेढ़ घंटे पहले दूध पिला देना चाहिए. तुरंत दूध पिलाकर सुलाने से दांतों में सड़न (बॉटल फीड कैविटी) और पेट में गैस की समस्या हो सकती है. गुनगुना दूध नींद लाने में मदद कर सकता है.

किन समय पर दूध देना हो सकता है नुकसानदायक?

  • भोजन के ठीक पहले या बाद में: भोजन के तुरंत बाद दूध देने से पाचन तंत्र पर जोर पड़ता है और पोषक तत्व ठीक से नहीं मिल पाते. भोजन से कम से कम आधा घंटा पहले या बाद में दूध दें.

  • जब बच्चा बीमार हो: अगर बच्चे को सर्दी-खांसी या कफ है, तो रात में दूध देने से बचें. दूध कफ को गाढ़ा कर सकता है.

  • एक्टिविटी से ठीक पहले: खेलने या किसी शारीरिक गतिविधि से ठीक पहले दूध देने से बच्चे को उल्टी या बेचैनी हो सकती है.

कुछ जरूरी सुझाव

  • बच्चे को एक साथ बहुत अधिक दूध पिलाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में अलग-अलग समय पर दें.

  • दूध हमेशा गुनगुना ही दें. ठंडा दूध पचाने में मुश्किल हो सकता है.

  • ध्यान रखें कि एक साल से बड़े बच्चे के लिए दूण केवल एक पूरक आहार है. उसकी डाइट में अन्य पौष्टिक चीजें जरूर शामिल करें.

निष्कर्ष

बच्चे के स्वास्थ्य के लिए दूध जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी है उसे सही समय और सही तरीके से देना. सुबह का समय सबसे अच्छा है, लेकिन शाम या रात में भी दूध दिया जा सकता है, बस सही गैप का ध्यान रखकर. अगर बच्चे को दूध पीने के बाद कोई तकलीफ होती है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. थोड़ी सी सावधानी आपके बच्चे की ग्रोथ को बेहतर बना सकती है.

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