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Toggleएपल vs ट्रम्प: ट्रम्प का एपल CEO को सख्त संदेश, भारत नहीं, अमेरिका में बनाओ! भारत अपना ख्याल खुद रख लेगा
एपल vs ट्रम्प: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों पर अपनी राय रखी है. इस बार उनका निशाना एपल और भारत के बीच संभावित उत्पादन स्थानांतरण है. ट्रम्प ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह नहीं चाहते कि एपल के उत्पाद भारत में निर्मित हों. उन्होंने कंपनी के सीईओ को सलाह दी है कि वे अमेरिका में ही अपना उत्पादन बढ़ाएं, क्योंकि उनका मानना है कि भारत अपना आर्थिक ख्याल स्वयं रख सकता है.
‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर जोर
ट्रम्प हमेशा से ही ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के प्रबल समर्थक रहे हैं. अपने कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने अमेरिकी कंपनियों को विदेशों से उत्पादन वापस लाकर देश में रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया था. एपल जैसी बड़ी टेक कंपनी का भारत में उत्पादन बढ़ाने की खबरों पर उन्होंने अपनी असहमति जताई है. उनका मानना है कि अमेरिकी कंपनियों को अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देनी चाहिए.

एपल के सीईओ को सीधी सलाह
ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से एपल के सीईओ को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनी को अमेरिका में अपने कारखाने स्थापित करने और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एपल धीरे-धीरे चीन से बाहर निकलकर भारत जैसे अन्य देशों में अपना उत्पादन आधार विस्तृत करने की योजना बना रहा है.
भारत की आत्मनिर्भरता पर टिप्पणी
ट्रम्प ने यह भी कहा कि भारत एक बड़ा और सक्षम देश है और वह अपनी आर्थिक जरूरतों का ध्यान स्वयं रख सकता है. उनका यह बयान भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर एक टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, यह बयान एपल जैसी कंपनियों के लिए भारत के आकर्षक बाजार और उत्पादन संभावनाओं को कम आंकने जैसा भी है.
वैश्विक व्यापार पर संभावित प्रभाव
ट्रम्प का यह रुख वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर संभावित प्रभाव डाल सकता है. यदि अन्य अमेरिकी कंपनियां भी उनका अनुसरण करती हैं, तो यह भारत जैसे देशों में निवेश और विनिर्माण को प्रभावित कर सकता है. एपल जैसी कंपनियों के लिए, जो वैश्विक स्तर पर अपने उत्पादन का विविधीकरण कर रही हैं, ट्रम्प का यह बयान एक नई चुनौती पेश कर सकता है. उन्हें अब अमेरिका और अन्य देशों के बीच अपने उत्पादन रणनीति को संतुलित करने पर विचार करना होगा.
संक्षेप में, डोनाल्ड ट्रम्प ने एपल के भारत में उत्पादन बढ़ाने की योजना पर अपनी आपत्ति जताई है और कंपनी के सीईओ को अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी है. उन्होंने भारत की आत्मनिर्भरता का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अपना ख्याल खुद रख सकता है. ट्रम्प का यह बयान उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को दर्शाता है और इसका वैश्विक व्यापार पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है.
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