Vindhya First

FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी

FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी

FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: भारत, पाकिस्तान को जून में मिलने वाले 20 बिलियन डॉलर के लोन पैकेज को रोकने की तैयारी में है. वर्ल्ड बैंक के साथ होने वाली आगामी बैठक में भारत पाकिस्तान को फंडिंग दिए जाने का मुद्दा उठाएगा. यह लोन पैकेज ‘पाकिस्तान कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क 2025-35’ नामक 10 साल के कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके अप्रूवल पर जून में फैसला होना है.

लोन का उद्देश्य और भारत की चिंताएं

इस लोन का उद्देश्य पाकिस्तान में सामाजिक संकेतकों में सुधार, बाल कुपोषण, सीखने की गरीबी, जलवायु लचीलापन और निजी निवेश को बढ़ावा देना है. हालांकि, भारत का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस लाना भी है.

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी PTI को यह जानकारी दी है. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने 2018 में पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत की, जिसके फलस्वरूप 2022 में उसे इस सूची से हटा दिया गया.

FATF में पाकिस्तान को फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में लाने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने के लिए FATF के सामने एक मजबूत मामला प्रस्तुत करेगी. FATF की बैठकें साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्टूबर) होती हैं.

FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी
FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी

IMF बेलआउट पैकेज का विरोध और नई शर्तें

भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा 9 मई को पाकिस्तान को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था. इसके बाद IMF ने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं. इन नई शर्तों में फेडरल बजट के लिए संसदीय अनुमोदन, बिजली बिलों पर उच्च ऋण सेवा अधिभार और पुरानी इस्तेमाल की गई कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है.

IMF की स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव, यदि जारी रहता है या और बिगड़ता है, तो कार्यक्रम के वित्तीय, बाहरी और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकता है.

युद्ध जैसी स्थिति में सहायता और आतंकवाद को बढ़ावा

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने को लेकर IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क किया. जॉर्जीवा को बताया गया कि भारत सरकार किसी भी देश को फंड देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह बेलआउट युद्ध जैसी स्थिति के दौरान दिया गया है.

यह भी कहा गया कि IMF ने पाकिस्तान को 28 बार सहायता दी है, लेकिन इन फंड्स का इस्तेमाल उसने देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के बजाय हथियार खरीदने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया है. इसके अलावा सरकार ने जर्मनी, इटली और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के सामने भी पाकिस्तान को IMF से मिल रही सहायता का मुद्दा उठाया है. इस मामले पर भारतीय दूतावास IMF के सभी संबंधित अधिकारियों से संपर्क साध रहे हैं.

FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी
FATF और वर्ल्ड बैंक में भारत का दांव: पाकिस्तान को फिर ग्रे लिस्ट में लाने की तैयारी

IMF का बचाव और भारत का वोटिंग से इनकार

IMF ने पाकिस्तान को दिए गए अपने बेलआउट पैकेज का बचाव करते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने सभी वित्तीय शर्तें पूरी कर ली हैं, जिसके कारण इस पैकेज को मंजूरी दी गई. IMF बोर्ड की 9 मई, 2025 की बैठक में जब इस पैकेज पर मुहर लग रही थी, तो भारत ने आपत्ति व्यक्त करते हुए मतदान से दूरी बनाए रखी.

भारत का तर्क था कि इस पैकेज पर दोबारा विचार होना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है. हालांकि, IMF ने इस तर्क को नहीं माना.

BT TV से बातचीत में IMF कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जूली कोजैक ने स्पष्ट किया कि IMF की फाइनेंसिंग का उद्देश्य केवल भुगतान संतुलन से जुड़े मुद्दों को हल करना है. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान को एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत मिलने वाला सारा पैसा सीधे केंद्रीय बैंक के भंडार में जाता है और इन फंड्स का उपयोग सरकारी बजट के वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाता.

केंद्रीय बैंक से सरकार को ऋण देने की कोई सीमा नहीं है, और इस कार्यक्रम में वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए संरचनात्मक सुधार भी शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: IMF से पाकिस्तान को 2.4 अरब डॉलर की मदद, भारत ने जताया कड़ा विरोध