देश में लंबे सफर के लिए लोग सबसे ज्यादा भरोसा इंडियन रेलवे पर करते हैं. क्योंकि ट्रेन का सफर सबसे किफायती और प्रमुख साधनों में से है. हर दिन करोड़ों लोग इन ट्रेनों में कई घंटे का सफर करते हैं, जिससे रेलवे की मोटी कमाई होती है. लेकिन जिन लोगों का टिकट कंफर्म नहीं होता. रेलवे उन टिकट से भी करोड़ों की कमाई कर रहा है.
त्यौहार और छुट्टियों के सीज़न में तो रेलवे मालामाल हो जाता है. क्योंकि टिकट की बुकिंग भी बढ़ जाती है और यात्री बढ़ने की वजह से टिकट कंफर्म होने के चांस भी घटते जाते हैं. तो अगर टिकट बुक हुई तो भी रेलवे को फ़ायदा मिलता है और अगर टिकट कंफर्म न हुई तो रेलवे को बिना सुविधा दिए ही फ़ायदा होता है.
अगर रेलवे की तरफ से टिकट कैंसिल होती है तो भी यात्रियों की शिकायत है कि उनका पूरा पैसा वापस नहीं आता है. हाल ही में इंदु भाल तिवारी नाम के एक युवक ने अपनी ट्विटर अकाउंट पर रेलवे से पैसे काटने की जानकारी साझा करते हुए बताया कि वेटिंग टिकट 240 रुपए में बुक किया था लेकिन कंफर्म नहीं हुआ. रेलवे ने टिकट कैंसिल किया और 60 रुपय काट लिया. यानी बिना यात्रा करे ही इंदु भाल तिवारी को 240 रुपये के बदले सिर्फ 180 रुपये ही रेलवे से वापस मिला.
आप ये जानकर शायद हैरान हो जाएंगे कि वेटिंग लिस्ट के टिकट कैंसल होने पर रेलवे को 3872 करोड़ का फायदा हुआ है. यानी बिना सुविधा लिए भी यात्री चार्जेस के नाम पर भारतीय रेलवे को पैसा दे रहे हैं. इसका खुलासा हुआ है एक RTI के जवाब में
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2,109.74 करोड़ और 2023-24 में दिसंबर, 2023 तक 1,762.62 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनमें टिकट जारी होने से पहले कैंसिलेसन और क्लर्केज शुल्क शामिल हैं. इस प्रकार आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़ तो भारतीय रेलवे टिकट रद्द होने के बाद भी हर साल यात्रियों से करोड़ों रुपये कमा रहा है.
इसपर पूरी रिपोर्ट देखने के लिए विंध्य फर्स्ट के इंस्टा और फ़ेसबुक पेज विज़िट करें