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सिरमौर में किसका सजेगा ताज, किसे मिलेगा वनवास जानिए

सिरमौर विधानसभा से रामगरीब आदिवासी को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किया गया है. वहीं भाजपा से दो बार के विधायक दिव्यराज सिंह को टिकट दिया गया है. इस विधानसभा सीट पर मुकाबला युवराज बनाम रामगरीब का है. रामगरीब आदिवासी ने विंध्य फर्स्ट को इंटरव्यू में बताया कि सिरमौर विधानसभा में मूलभूत सुविधाएं तक नही हैं. यहां के लोग बिजली, सड़क, पानी के लिए संघर्ष करते हैं.

पूर्व विधायक ने कहा की दस साल से भाजपा के युवराज ने बंटाधार कर दिया है. दलित आदिवासियों के साथ अत्याचार हुआ है. सिरमौर की जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है. सिरमौर में विकास तभी होगा जब कांग्रेस की सरकार बनेगी. विधायक कांग्रेस का होगा. भाजपा के सरकार में सबसे ज्यादा लूटमार हुई है. आराजकता का माहौल है, देश कै विकास में बाधक है.

देश का हर युवा 45 हजार रूपए का कर्ज लेकर जन्म लेता है. युवाओं पर कर्ज चढ़ाने वाली भाजपा बेनकाब हो चुकी है. बीजेपी की सरकार में महंगाई, बेरोजगारी का आलम है. विंध्य के लाखों युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. प्रदेश की जनता झूठ को समझ गई है. कांग्रेस देश को आज़ादी दिलाने वाली पार्टी है. इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है.

त्यौंथर विधानसभा से जीता था चुनाव

रामगरीब आदिवासी वर्ष 2008 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. त्यौंथर सीट से विधायक बने थे, साल 2013 के चुनाव में फिर वे चुनाव हार गए. इस बार वे तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे. इसके बाद 2018 के चुनाव में बीएसपी से टिकट लेकर सिरमौर विधानसभा से मैदान में उतरे, मगर नतीजा जब आया तो उन्हें हार हाथ लगी. वे तीसरे नंबर पर आए. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में हैं.

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