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सौतेला विंध्य: पूरे क्षेत्र में बीमार पड़ी स्वास्थ्य सुविधा, कहीं डॉक्टर नहीं, तो कहीं दवाई नहीं 

मध्य प्रदेश में साल 2003 से एक ही पार्टी की सरकार है. हर बार बीजेपी को सरकार बनाने के लिए विंध्य ने अपना पूरा समर्थन दिया है. फिर भी आंकड़ों की माने तो मध्य प्रदेश के दूसरे हिस्सों के मुक़ाबले सबसे ज़्यादा ग़रीबी, सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी और सबसे ज़्यादा पलायन विंध्य से होता है. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बात करें तो कई इलाक़ों में केवल जर्जर इमारतें हैं. न तो यहां डॉक्टर आते हैं और न ही मरीज़ों को इलाज मिलता है. 

रूरल हेल्थ स्टैटिक्स 2020-21 के मुताबिक विंध्य क्षेत्र मे उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों को मिलाकर कुल 1796 स्वास्थ्य केंद्र हैं. विंध्य के जिलों की बात करें उमरिया में सबसे कम 131 स्वास्थ्य केंद्र हैं और रीवा में सबसे अधिक 368 स्वास्थ्य केंद्र हैं.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 5 साल से कोई डॉक्टर नहीं
डाटा के मुताबिक़ विंध्य में स्वास्थ्य केंद्र तो कई बने हैं लेकिन इन केंद्रों की ज़मीनी हक़ीक़त हैरान कर देने वाली है. विंध्य फ़र्स्ट की टीम सिरमौर तहसील के मझियार गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. इस स्वास्थ्य केंद्र पर इलाके के 10 से ज्यादा गांव और आबादी के लिहाज से 30 से 35 हजार ग्रामीण अपने इलाज के लिए निर्भर हैं. लेकिन यहां 5 साल से कोई डॉक्टर ही नहीं है. केवल दो नर्स और एक चपरासी के भरोसे यहां के लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है. 

करियाझर स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग ही नहीं मिली
रीवा-सीधी सीमा के नजदीक करियाझर में एक उप स्वास्थ्य केंद्र का 35 साल पहले भूमिपूजन हुआ था. विंध्य फ़र्स्ट की टीम ने बहुत तलाशा लेकिन उसकी नींव का पत्थर तक नहीं मिला. हालांकि अब यहां सड़क ज़रूर बन गई है, इसके पहले लोग पहाड़ों को पार कर इलाज करवाने जाते थे. यहाँ के रहने वाले रघुराज ने बताया कि हमने कभी न तो अस्पताल का नाम सुना है न ही कभी देखा है. कलावती ने विंध्य फ़र्स्ट की टीम को बताया कि यहां एंबुलेंस भी नहीं आती है.