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‘कोई भी पार्टी जीते लेकिन इस बार शिवराज मामा नहीं आने चाहिए’

जब भी चुनाव नज़दीक आते हैं सभी पार्टियां जनता को लुभाने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देती हैं. तमाम तरह की योजनाओं की घोषणा शुरू हो जाती है जिन्हें जनता मुफ्त की रेवड़ियों का नाम देती है. ये रेवड़ियां बांटने में मध्यप्रदेश के मुखिया यानी शिवराज मामा का नाम सबसे ऊपर है. मध्यप्रदेश सरकार भले ही क़र्ज़े में है लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सिंह ने अनगिनत योजनाओं का वादा कर दिया है, लाडली बहना जैसी कई योजनाओं का लोगों को लाभ भी मिलने लगा है.

सरकार के तमाम वादों और योजनाओं के बीच विंध्य के युवा वर्ग को क्या मिला ये जानने के लिए विंध्य फ़र्स्ट की टीम ने युवाओं से बात की. इनका कहना है कि युवा वर्ग के लिए कोई भी योजना नहीं है, इसलिए युवाओं में इस बार भारी आक्रोश भरा हुआ है. रोज़गार देने वाली योजनाएं कागज़ों तक ही सीमित हैं. युवाओं का सीधे तौर पर कहना है कि शिवराज सिंह के कार्यकाल में केवल घोटाले और घोषणाएं ही होती हैं. बीजेपी  नेता धर्म के नाम पर लोगों को भिड़ाते हैं, सांप्रदायिक हिंसा पैदा करना बीजेपी का सबसे बड़ा एजेंडा बन चुका है.

युवाओं का कहना है कि मोदी जी सब कुछ खरीद सकते हैं लेकिन वोट नहीं खरीद सकते हैं. यही एक ऐसी चीज है जो जनता के हाथ में होती है. उनका ये भी कहना है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान युवाओं कि शिक्षा के साथ खिलवाड़ करते आ रहे हैं. शिक्षा के नाम पर उन्होंने एक रुपये भी खर्च नहीं किए हैं. उसके बावजूद मध्यप्रदेश सरकार के ऊपर इतना अधिक कर्ज है कि आज पैदा हुए बच्चे पर भी 40 हजार रुपए से ऊपर का कर्ज लदा हुआ है.

युवाओं का ये भी कहना है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की हर कंपनी बेच दी. एक दिन हम सब को भी बेच देंगे. भले ही BJP के अंधभक्तों को न दिखे लेकिन हम लोगों को सब दिख रहा है कि उनकी क्या सोच है, वो हम सब के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इनके घोटाले और फर्जीवाड़े की वजह से युवा वर्ग डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा है. डिप्रेशन के चलते न तो ढंग से पढ़ पा रहे हैं और न ही आगे का कुछ सोच पा रहे हैं.

युवाओं का कहना है कि शिवराज सिंह ने हम सब की सोच को फ्री की रेवड़ियां लेने और 5 से 7 हज़ार तक ही सीमित कर दिया है. उनकी सोच है कि हम युवा इससे आगे न बढ़ें और हमारी आगे आने वाली पीढ़ी भी इसी तरह बेरोजगारी और भुखमरी झेलती रहे. आक्रोशित युवाओं का कहना है कि कोई भी नेता, कोई भी पार्टी जीत जाए लेकिन 2023 में शिवराज मामा नहीं आने चाहिए.

विंध्य के युवाओं ने और क्या कहा ये जानने के लिए वीडियो पर ज़रूर क्लिक करें