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मऊगंज: 50 साल पहले मरा शख्स आज भी ज़िंदा!

मऊगंज: 50 साल पहले मरा शख्स आज भी ज़िंदा!

मऊगंज: देशभर में इन दिनों इलेक्शन कमीशन में गड़बड़ी के मामलें उजागर हो रहे हैं कि वोटर आईडी और समग्र आईडी में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मऊगंज से सामने आया है जिसमे सम्रग आईडी में मृत व्यक्ति को परिवार का मुखिया बनाकर सालों से सरकारी अनाज निकाला गया और परिवार की 85 साल की बुजुर्ग महिला को एक दाना भी नहीं दिया गया.

कहां का है ये मामला?

ये मामला मऊगंज जिले के  उमरिया गांव का है, जहां के रामसखा तिवारी की मौत 50 साल पहले हो चुकी थी, लेकिन उन्हें सरकारी रिकॉर्ड (सम्रग आईडी) में आज भी ज़िंदा दिखाया गया और उन्हें मुखिया भी बना दिया गया . साथ ही उनकी पत्नी को विधवा पेंशन भी प्रदान की जा रही है. इस घोटाले मेंं सिस्टम ने पति को कागज़ों में ज़िंदा रखा और पत्नी को विधवा भी घोषित कर दिया.

जांच में क्या आया सामने?

जांच में सामने आया कि ग्राम सेल्समैन ने फर्जी नॉमिनी में अपने नाम जोड़ा और हर महीने ओटीपी से सरकारी अनाज निकाल लिया करता है.  उसने 11 साल में करीब 60 क्विंटल अनाज हड़प लिया, और परिवार की 85 साल की बुजुर्ग महिला दूअसिया तिवारी को एक दाना भी नहीं दिया. पंचायत के रोजगार सहायक बृजेश तिवारी का नाम भी आईडी में जोड़ा था, जबकि उसका परिवार से दूर तक कोई रिश्ता नहीं है.

आम जनता पूंंछती है?

एक आईडी में 9–9 फर्जी नाम जोड़े गए और ये सब प्रशासन क्यों नजरअंदाज करता रहा? क्या गरीबों का हक़ लूटने वालों पर काेई कार्रवाई होगी? क्या जनता को भरोसा दिलाया जाएगा कि समग्र आईडी जैसी संवेदनशील व्यवस्था में पारदर्शिता रहेगी? यह मामला सिर्फ एक गांव का नहीं, बल्कि हमााारे पूरे सिस्टम की लापरवाही और भ्रष्टाचार का आईना है.

रिपोर्ट: लवकेश सिंह (मऊगंज)

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