चुनाव से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत जिन प्रतिनिधियों पर मुकदमे चल रहे हैं उनके बारे में एक रिपोर्ट जारी की है. 2018 के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद खुलासा हुआ है कि 230 में से 29 विधायक ऐसे हैं जिन पर जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा के तहत कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है. इसमें से 16 कांग्रेस के,12 भाजपा और एक बसपा का विधायक शामिल है. विंध्य क्षेत्र की बात करें तो सेमरिया विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी केपी त्रिपाठी का नाम है. रीवा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ल का नाम भी इसमें शामिल है.
त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में मिलावटी खाद्य पदार्थ लोगों के लिए बड़ी समस्या बनकर उभरते हैं. दालों में कंकड़-पत्थर की मिलावट का खेल चरम पर चल रहा है. पूरे दाम देने के बाद भी लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है. यहां किलो के भाव में कंकड़-पत्थर बिकते हैं और यह दाल में उसके आकार के हिसाब से डाले जाते हैं. खबर के अनुसार कहा गया है कि कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जांच नहीं करते और धड़ल्ले से कंकड़ पत्थर मिली दालों की बिक्री चल रही है.
अगली खबर कस्टोडियल डेथ से जुड़ी हुई है, जहां सिविल लाइन पुलिस की कस्टडी में एक महिला की मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि प्रधान आरक्षक विवेक सिंह महिला को ढेकहा से अपनी कस्टडी में लेकर थाने पहुंचा और उसके बाद पुरुष लॉकअप के सामने वाले कमरे में ले गया और वहां न सिर्फ प्लास्टिक की पाइप से मारपीट की बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद करने की धमकी दी. सबसे बड़ी बात यह है कि किसी महिला को अगर पुलिस हिरासत में लेती है तो उसे महिला पुलिसकर्मी के साथ रखना चाहिए या महिला थाने में रखना चाहिए लेकिन यहां इन दोनों बातों का उल्लंघन होता दिखा है.
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