चुनावी शोर थम चुका है. रीवा जिले में धारा 144 लागू हो गई है और अब वोटिंग होने वाली है. बुधवार की शाम से ही चुनावी शोर थम गया है. 17 नवंबर को सुबह 7:00 से 6:00 बजे के बीच मतदान कराया जाएगा. मतदान दल सामग्री और ईवीएम के साथ 16 नवंबर को इंजीनियरिंग कॉलेज से निर्धारित अपने मतदान केंद्र के लिए जाएंगे. जिले की सभी आठ विधानसभा सीटों के लिए मतदान किए जाएंगे जिसमें अलग-अलग गेटों से मतदान दलों की एंट्री सुनिश्चित की जाएगी. मतदान केंद्र में मोबाइल फोन पूरी तरीके से बैन रहेगा. निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक मतदान केंद्र के अंदर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिकृत अधिकारियों के अलावा किसी भी व्यक्ति को मोबाइल फोन स्मार्टफोन,वायरलेस या कैमरे का इस्तेमाल मना है.
अगली खबर है विंध्य में 50 से ज्यादा ऐसे गांवों की जहां प्रचार के लिए नेता पहुंच ही नहीं पाते हैं तो सुविधा क्या पहुंचेंगी. सरहदी गांव की चर्चा चुनाव के नजदीक आते ही शुरू हो गई ह. यह वह गांव हैं जहां भौगोलिक स्थितियों के कारण यहां के ग्रामीण बाजार दूसरे जिले में करते हैं और सरकारी कामकाज और मतदान अपने जिले में. विंध्य के सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली और पन्ना में ऐसे बहुत सारे गांव हैं. इनका अपना जिला मुख्यालय, ब्लॉक, तहसील, थाना और पोस्ट ऑफिस दूर है जबकि पड़ोसी जिले के सरकारी कार्यालय इन गांवों के पास हैं. इन गांवों में प्रचार करने नेता भी कम ही पहुंचते हैं. मतदान बढ़ाने के लिए स्वीप प्लान जैसी गतिविधियां भी कम ही हो पाती हैं.
अगली खबर रीवा जिले में क्राइम को लेकर है. जिलाबदर का एक आरोपी अपनी बीवी की हत्या करने के बाद से फरार है. आरोपी पर पहले से ही दर्जनों केस दर्ज हैं और यह इसकी तीसरी शादी थी. इससे पहले दोनों पत्नियां मारपीट से तंग आकर इसे छोड़कर चली गई. बताया जा रहा है कि शाम को किसी मुद्दे पर बहस हो गई जिसे लेकर उसने अपनी पत्नी की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी और फरार हो गया. जब पुलिस ने तफ़्तीश की तब पता चला की महिला का पूरा शरीर नीला पड़ा हुआ है और शरीर में चोट के बहुत सारे निशान हैं. साथ ही में घर से खून के धब्बे भी बरामद हुए. सुबह उठकर बच्चों ने पड़ोसियों से हत्या की बात बताई और यह भी कहा कि उनकी मां को उनके पिता ने ही मारा है.
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