मध्यप्रदेश के रीवा जिले स्थित सैनिक स्कूल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक साथ 12वीं कक्षा के 72 छात्रों को निलंबित कर दिया गया. इस कार्रवाई के बाद छात्रों में गुस्सा और असंतोष की लहर फैल गई, जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए.
गेंद से टूट गया शिक्षक का शीशा
घटना का कारण तब सामने आया जब कुछ छात्र स्कूल के खेल परिसर में खेल रहे थे और इस दौरान एक गेंद एक शिक्षक की कार से टकरा गई, जिससे कार का शीशा टूट गया. शिक्षक ने इस घटना के बाद उन छात्रों के नाम पूछे, जिन्होंने यह गलती की थी, लेकिन किसी ने इसका जवाब नहीं दिया. इसके परिणामस्वरूप, शिक्षक ने शिकायत दर्ज की और इस शिकायत के आधार पर स्कूल के प्राचार्य ने पूरे कक्षा के सभी छात्रों को निलंबित कर दिया.
छात्रों का आरोप – एकतरफा कार्रवाई
छात्रों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से एकतरफा है और उन्हें बिना किसी गलती के सजा दी गई है. छात्रों ने प्रशासन से इस मामले की शिकायत की है. छात्रों का आरोप है कि न तो प्राचार्य ने उनकी सुनवाई की और न ही शिक्षक ने उनकी बात मानी. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि, जिन छात्रों का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें क्यों सजा दी गई.
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कलेक्ट्रेट पहुंची छात्रों की शिकायत
सभी निलंबित छात्र कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई. छात्रों का कहना है कि जिनमें से कुछ छात्र तो बाहर राज्यों से हैं, उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उनके साथ निष्पक्षता का व्यवहार नहीं किया और उन्हें स्कूल परिसर से बाहर निकाल दिया गया.
अपर कलेक्टर का बयान – छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित करने की कोशिश
अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी और बताया कि कुछ छात्रों ने शिकायत की थी कि बिना गलती के उन्हें निलंबित किया गया और स्कूल से बाहर कर दिया गया. उनकी परीक्षा भी 26 फरवरी से शुरू होनी है, इसलिए प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की है, ताकि छात्रों का नुकसान न हो और उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जा सके.
बोर्ड परीक्षा पर असर डाल सकता है निलंबन
छात्रों की बोर्ड परीक्षा 26 फरवरी से होने वाली है, और ऐसे में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को बाहर निकालना और निलंबित करना उनकी परीक्षा पर असर डाल सकता है. छात्रों ने इस संबंध में शिक्षकों से जानकारी ली थी, तो उन्हें बताया गया कि वे अब स्कूल के हास्टल में नहीं रह पाएंगे, लेकिन बाहर से आकर परीक्षा देने के लिए उन्हें अनुमति दी जाएगी.
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स्कूल प्रबंधन का पक्ष – अनुशासनहीनता की वजह से कार्रवाई
इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन की ओर से चुप्पी साधी गई है. स्कूल के प्राचार्य से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हालांकि, स्कूल के अधिकारियों का कहना है कि निलंबित छात्रों ने पिछले कुछ दिनों में जूनियर छात्रों के साथ अभद्रता की थी, और कई शिक्षकों के साथ भी उनका विवाद हुआ था. कुछ छात्रों पर शिक्षकों की कारों में तोड़-फोड़ करने का आरोप भी था. इसके चलते स्कूल प्रबंधन ने अनुशासन के उल्लंघन के कारण यह कार्रवाई की है.