संसद (Parliament) में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा की सरकार के लिए अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर हैं. तारीख थी 1 जुलाई 2024. गौरतलब है कि अग्निवीर (Agniveer Scheme) भर्ती के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार तैयारी करते हैं. लेकिन हर किसी को नौकरी नहीं मिलती है. जिनको मिलती भी है उनको पैसा कितना मिलता है और सुविधाएं कितनी यह भी जानना जरूरी है. साथ ही अग्निवीर योजना में ऐसा क्या है जिसको लेकर इसकी चर्चा देश भर में हो रही है.
बता दें कि संसद में पहले सत्र की 8वीं बैठक में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया और अग्निवीर अजय का मुद्दा उठाया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अग्निवीरों को सरकार शहीद का दर्जा नहीं देती है. जबकि सरकार का पक्ष है कि अग्निवीर को सरकार के द्वारा 1 करोड़ की राशि दी जाती है.
अग्निवीर स्कीम क्या है
अग्निवीर स्कीम के तहत युवाओं को आर्मी में भर्ती किया जाता है. केंद्र सरकार ने 16 जून 2022 को इस नई स्कीम की पेशकश की थी. इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले नौजवान युवाओं को अग्निवीर नाम दिया गया था. इसके साथ ही इसमें और भी कई नियम हैं जिसके तहत अग्निवीर की भर्तियां की जाती हैं.
अग्निवीर भर्ती के लिए आवेदन करने की जरूरी योग्यता
अग्निवीर भर्ती के लिए 17.5 साल से 23 साल के बीच के उम्मीदवार ही अप्लाई कर सकते है. आवेदन करने वाले युवा कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होने चाहिए. इस योजना के तहत नॉन सर्विस कमीशन (Non Service Commission) जैसे सिपाही के लिए भर्ती की जाएगी.
अग्निवीर को 6 महीने की ट्रेनिंग
अग्निवीर स्कीम के तहत चयनित होने वाले युवाओं को 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है इसके बाद उन्हें 3.5 साल तक आर्मी में सर्विस देनी होती है. सैलरी के तौर पर अग्निवीरों को 30 हज़ार रूपए हर महीने सैलरी दी जाती है. 4 साल बाद रिटायरमेंट आते तक में सैलरी बढ़कर 40 हजार हो जाती है. वहीं रिटायरमेंट पर उन्हें 10 से 12 लाख रुपये दिए जाने की बात कही गई है. इसके लिए उनकी सैलरी का 30% कट करके उन्हें उनकी रिटायरमेंट वाली रकम में ऐड करके दे दिया जाएगा.
अग्निवीर को लेकर हुआ था प्रोटेस्ट
देश में जैसे ही इस अग्निवीर स्कीम को लागू करने की घोषणा की गई थी उसके तुरंत बाद से ही देश के अलग-अलग राज्यों में इस योजना को लेकर प्रोटेस्ट शुरू हो गया था. प्रोटेस्ट करने वालों का कहना था कि एक सोल्जर बनने के लिए कम से कम 5 साल की ट्रेनिंग होनी चाहिए. इसके अलावा इस योजना के तहत भर्ती होने वाले जवान को आखिर शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है. शहीद होने के बाद मिलने वाली सुविधाएं भी अग्निवीर के परिवार को नहीं मिलती है. यहां तक की पेंशन की भी सुविधा नहीं मिलती है.
सिर्फ 25% अग्निवीर होंगे परमानेंट
अग्निवीर स्कीम के तहत 4 साल की सर्विस देनें के बाद सिर्फ 25% अग्निवीरों को ही परमानेंट किया जायेगा. ऐसे में 75% अग्निवीरों का क्या होगा, सरकार के पास इसका कोई पुख्ता जवाब नहीं है.
अग्निवीरों के लिए सरकार की योजना
सरकार का कहना है की रिटायर होने वाले अग्निवीरों को आगे की जॉब के लिए मौके दिए जाएंगे हालांकि सरकार इसकी कोई गारंटी नहीं देती है. सरकार का तर्क है कि अग्निवीरों को 10 से 12 लाख रूपए आगे की पढ़ाई या फिर कोई स्टार्टअप करने के लिए दिए जाते हैं. वहीं शहीद के परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि दी जाती है, लेकिन शहीद का दर्जा नहीं मिलता है.
अग्निवीर स्कीम की पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो.