मनुष्य के शरीर में पोषक तत्व (Nutrients) की कमी ना हो इसके लिए डाइट में दूध का शामिल होना जरूरी है. लेकिन लगातार दूध (Milk) की बढ़ती कीमतों ने जनता को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर दूध की कीमतों में बार – बार इजाफा क्यों हो रहा है. बता दें कि भारत की दो सबसे बड़ी दूध सहकारी कंपनियों, अमूल (Amul) और मदर डेयरी (Mother Dairy) ने 3 जून से अपने दूध की कीमतों में 2 से 3 रुपये की बढ़ोतरी (Milk prices increases) की है.
जिसके बाद साल 2023 में मिलने वाला 66 रुपये प्रति लीटर वाला दूध अब 68 से 69 रुपये लीटर मिलेगा. गौर करने वाली बात यह है कि पिछले 2 सालों से दूध की कीमत लगातार बढ़ रही है. फरवरी 2023 में अमूल ने दूध की कीमत तीन रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाई थी. वहीं मार्च 2022 से पहले तक अमूल के फुल क्रीम दूध की कीमत प्रति लीटर 58 रुपए थी. मार्च 2022 में ही कीमत 60 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई. इसके लगभग 11 महीने बाद 6 फरवरी 2023 तक ये कीमत 66 रुपए प्रति लीटर हो गई थी. और अब साल 2024 में 68 से 69 रुपए प्रति लीटर हो गई है.
कीमत बढ़ने के क्या हैं कारण
अमूल ने अक्टूबर 2022 के आखिरी सप्ताह में दूध के दामों में बढ़ोत्तरी की थी और तत्कालीन अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने इसके पीछे चारे की बढ़ती कीमत का हवाला दिया था. कीमतों के लिए चारा, पशु आहार के महंगा होने के अलावा कोरोना काल को भी कारण मानते हैं. वे कहते हैं, “पिछले दो तीन साल में दूध की कीमत 15 से 16 फीसदी तक बढ़ी है. लेकिन इसमें ये भी देखना होगा कि कोरोना के समय दूध की कीमतें स्थिर थीं. वहीं पिछले कुछ वर्षों में लागत में 25 से 30% तक की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में दूध महंगा तो होगा ही. इसके अलावा कोरोना के समय किसानों ने मवेशियों के खाने में कटौती तो की ही, इसके अलावा इस क्षेत्र में विस्तार नहीं किया। कोरोना के बाद से दूध की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में कीमतों में तेजी देखी जा रही है.”
महंगाई दर भी है बड़ा कारण
जनवरी 2018 में दूध की थोक महंगाई दर 3.93 फीसदी ही थी. आर्थिक सलाहकार कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2022 में दूध की थोक महंगाई दर 6.03 फीसदी थी. इससे पहले जून 2022 में दूध की महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा तक पहुंची थी. जनवरी 2022 में ये दर 2.21 फीसदी थी. दिसंबर 2022 आते-आते ये दर 6.99 फीसदी पर पहुंच गई और साल 2023 के पहले महीने यानी जनवरी में दूध की महंगाई दर 8.96 फीसदी पर पहुंच गई.
महंगाई बढ़ने का ये है पूरा गुणा गणित
भूसे का रेट यूपी में इस समय 14 रुपए किलो है. इसके अलावा मिश्रित चारे की कीमत 28 से 30 रुपए किलो है. औसतन खर्च देखें तो 20 लीटर दूध देने वाली गाय को अगर 10 किलो अनाज रोज दे रहे हैं तो एक दिन का ही खर्च 300 रुपए के आसपास वनता है. साल 2022 में एक गाय के पीछे यही खर्च लगभग 240 से 255 रुपए के बीच था. मतलब एक साल में ही अनाज की कीमत 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है. अब जब लागत बढ़ेगी तो दूध की कीमतें तो बढ़ेगी ही.