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Cough Syrup Campaign: शराब और कोरेक्स से खराब होता है लीवर? इन लक्षणों से करें अपने स्वास्थ्य की पहचान

मेडिकल नशे का चलन समाज में लगातार बढ़ता जा रहा है. ड्रग्स और शराब जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करते वालों को तो आपने देखा ही होगा, लेकिन अब विंध्य के युवा खांसी और जुखाम को ठीक करने वाले कफ़ सिरप (Cough Syrup Campaign) का इस्तेमाल नशे के तौर पर करते हुए देखे जा सकते हैं. आसानी से यह कफ सिरप लोगों को उपलब्ध हो जाती है. इसके लिए आपको प्रिस्क्रिप्सन की भी जरूरत नहीं होती है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इन नशीले पदार्थों में ऐसा क्या होता है जिसे पीते ही हमें नशा होने लगता है और हम अपने ऊपर कंट्रोल खो बैठते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि शराब (Wine), कोरेक्स (Corex) या किसी भी नशीली चीजों को पीने के बाद हमें नशा कैसे होने लगता है? किस तरह से ये हमारे बॉडी सिस्टम को एफेक्ट करती है.

कोरेक्स में क्या होता है
कोरेक्स, डीएक्स सिरप दो दवाओं का मिश्रण होता है. इसमें क्लोरफेनीरामिन मेलेट और डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन हाय्ड्रोब्रोमाइड होता है जो सूखी खांसी को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. गले में जलन, छींक, खांसी और जुखाम से राहत पाने के लिए इस्तेमाल होने वाली यह कफ सिरप वैसे तो देश में बैन है. लेकिन कई केसेस में डॉक्टर्स इसे PRESCRIBE करते हैं, जिसके बाद आप इसे ले सकते हैं. बता दें कि कोरेक्स में 27% ALCOHOL होता है. अगर आप इसकी एक चम्मच खुराख पीते हैं तो ये आपको खांसी, जुखाम, सर दर्द जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाएगी. इसे पीने पर थोड़ी नींद आ सकती है. इसमें मौजूद क्लोरफेनीरामिन मेलेट एक एंटीएलर्जिक है जो केमिकल मैसेंजर, हिस्टामाइन के प्रभाव को रोककर एलर्जी से जुड़ी खांसी को कम करता है. वहीं डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन हाय्ड्रोब्रोमाइड एक खांसी दबाने वाला तत्व है जो मस्तिष्क में खांसी के केंद्र की गतिविधि को कम करके खांसी से राहत देता है.

कोरेक्स क्यों पीते हैं लोग
पीने वाले बताते हैं कि इसे पीने से किसी भी तरह की कोई गंध नहीं आती है, जैसे शराब को पीने से आती है. जिसकी वजह से लोगों को पता ही नहीं चलता कि कोई व्यक्ति कोरेक्स का नशा कर रहा है. कोरेक्स, शराब या किसी भी दूसरे नशीले पदार्थों से सस्ता है. यही कारण है कि लोग इसका सेवन करते हैं. एक कारण यह भी है कि मार्केट में यह आसानी से और अवैध तरीके से मिल जाती है. जब आप कोरेक्स पीते हैं तो ये आपके मुंह के थ्रू सीधे पेट के DIGESTIVE सिस्टम में जाती है और छोटी आंत के थ्रू ये हमारे ब्लड में अवशोषित हो जाती है. इसके साथ-साथ एथेनॉल लीवर और ब्रेन में पहुंच जाती है. क्यूंकि ये दोनों ही हमारे बॉडी के ऐसे पार्ट्स हैं जहां ब्लड का फ्लो सबसे ज्यादा होता है.

कोरेक्स और शराब में क्या अलग है
शराब की बोतल में लगभग 30 से 40 प्रतिशत अल्कोहल होता है, बीयर की एक बोतल में लगभग 5% अल्कोहल होता है. WINE में सबसे कम लगभग 9 से 18 फीसदी तक अल्कोहल होता है. डॉक्टर के मुताबिक एक कफ़ सिरप का सेवन करने से लगभग दो सौ मिली लीटर शराब के बराबर नशा होता है. कफ़ सिरप में पाया जाने वाला अल्कोहल इथेनॉल का रूप होता है. यह हमारे शरीर में नशे के लिए जिम्मेदार होता है. यह शरीर में उपस्थित बाकि अणु (molecules) से काफी छोटा होता है जिसकी वजह से ये हमारे शारीर की झिल्लियों में आसानी से ENTER हो जाता है.

सबसे ज्यादा प्रभावित होता है लीवर
एथेनोल सबसे ज्यादा हमारे लीवर को एफेक्ट करता है. लीवर एथेनोल्स को दो पार्ट्स में डिवाइड कर देता है. पहला ADH और दूसरा ALDH सबसे पहले, ADH नामक एंजाइम ALCOHOL को एसिटाल्डिहाइड में बदल देता है, जो विषाक्त toxic है. फिर, ALDH नामक एंजाइम विषाक्त एसिटाल्डिहाइड को गैर-विषाक्त non-toxic एसीटेट में बदल देता है. जैसे-जैसे रक्त संचार होता है, लीवर ALCOHOL को लगातार समाप्त करता है.

सभी नशीले पदार्थों की तरह यह nucleus accumbens में डोपामाइन के स्राव को प्रेरित करता है, जो उपयोगकर्ता को PLEASURE देती है. एंडोर्फिन हमें तनाव या खतरे के जवाब में शांत होने में मदद करते हैं. जब आप अल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके एंडोर्फिन का लेवल ऊपर कर देता है. और आपको थकान या किसी भी तरह के तनाव से छुटकारा मिल जाता है. जब शराब का लीवर द्वारा विघटन (dissolution) हो जाता है और मस्तिष्क के अवशोषण से आगे निकल जाता है, तो शरीर का नशा दूर हो जाता है.

नशे का शरीर और न्यूरॉन पर होता है प्रभाव
लीवर एथेनोल को फ़िल्टर करता है और हमारे हार्ट में इसे पहुंचा देता है. हार्ट इसे पंप करके हमारे फेफड़ों यानि की लंग्स में पहुंचाता है. LUNGS में पहुंचाने के बाद ये वापस से हार्ट में चला जाता है और हार्ट से AORTA के थ्रू एथेनोल दिमाग की नसों में पहुंचता है. ब्रेन के अलग अलग सेंटर जैसे SPEECH CENTER, MEMORY CENTER BALANCE CENTER को एफेक्ट करता है. जिससे की हमारे ब्रेन की वर्किंग एफेक्ट होती है और लोग भूलना शुरू कर देते हैं.

फैटी लीवर हो सकता है
शराब का सेवन करने से यह 5 मिनट में आपको एफेक्ट करने लग जाती है और 10  मिनट में ये हमारे दिमाग में पहुंच जाती है. इसके अलावा यह लीवर को भी डैमेज कर देता है क्यूंकि ALCOHOL पीने के बाद ये हमारे लीवर में जाती है और लीवर इसे फ़िल्टर करता है. बार-बार शराब पीने वाले को ALCHOHOLIC FATTY LIVER DISEASE हो जाती है. जिसकी वजह से आपका लीवर पूरी तरह से ख़राब हो जाता है.

कोरेक्स के साइड इफेक्ट्स
कोरेक्स का ओवर डोज़ आपके बॉडी में poison बनाने का काम करता है. इससे आपको डिप्रेशन, anxiety, गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन लगना, जरुरत से ज्यादा नींद आना, भूख न लगना, वेट लॉस होना जैसी परेशानियां हो सकती हैं. इसके अलावा lungs infection, mood swings, brain damage, और हार्ट बीट में उतार चढ़ाव आना भी इसके साइड इफेक्ट्स हैं. अगर आप इसका ओवर डोज़ लेते हैं, तो ये आपके सेक्स्सुअल पॉवर को पूरी तरह से ख़त्म कर देता है.

पूरी जानकारी के लिए देखिए वीडियो।।