प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar), मध्यप्रदेश सरकार में उर्जा मंत्री (Energy minister) हैं. प्रद्युम्न सिंह अब तक ग्वालियर से चार बार के विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं. खास बात यह है कि अपनी वर्किंग स्टाइल को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. कभी बिजली की पोल पर चढ़कर तार ठीक करते नजर आते हैं तो कभी खुद ही टॉयलेट साफ करने लग जाते हैं. उर्जा विभाग ने अभी हाल ही में संविदा नीति (Samvida Karmi) लागू की है इसको लेकर उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विंध्य फर्स्ट को खास इंटरव्यू दिया.
सवाल – ऊर्जा विभाग में लागू संविदा नीति क्या है?
जवाब – मध्य प्रदेश में नई संविदा नीति पिछले साल जारी की गई थी. इसके बाद ऊर्जा विभाग ने अपने 6 हजार संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू कर दी गई है. अब इन 6 हजार संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी. इसमें आरक्षण की भी सुविधा शामिल होगी.
सवाल – अटल ज्योति योजना क्या है?
जवाब – मध्यप्रदेश में अटल ज्योति योजना के अंतर्गत 90 लाख से 1 करोड़ 10 लाग उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध करवायी जा रही है. इसमें 100 यूनिट बिजली 100 रुपये की दर से दी जा रही है. घरेलू उपभोक्ताओं को 5 हजार करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है.
सवाल – पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है?
जवाब – प्रधानमंत्री, देश के हर उपभोक्ता को सस्ती बिजली देना चाहते हैं. इसके लिए घरों की छत में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. इस योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएंगी.
सवाल – मध्यप्रदेश में बिजली महंगी होने का कारण क्या है?
जवाब – मध्यप्रदेश में बिजली महंगी नहीं है. कई सारे शौर्य प्लांट नए बनाए जा रहे हैं. इसमें 5 मेगा वॉट से लेकर 1 मेगा वॉट तक के प्लांट हैं. इससे बिजली की दरें और कम होंगी. सभी इकाइयां 350 दिन चल रही हैं. उपभोक्ता संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है.
सवाल – 1912 में शिकायत करने पर 24 घंटे क्यों लगते हैं?
जवाब – व्यवस्था में कुछ कमियां हैं. इसे ठीक करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है.
सवाल – विंध्य प्रदेश के विकास के लिए क्या योजनाएं हैं?
जवाब – मध्य प्रदेश का एक प्रमुख हिस्सा है विंध्य प्रदेश. यह लगातार विकास कर रहा है.
सवाल – कई बार पार्टी लाइन से हटकर विरोध प्रकट करते हैं, इससे फायदा नुकसान क्या होता है.
जवाब – मैं पार्टी की नीति और रीति पर काम करता हूं. जब सामाजिक रूप से कोई बात आती है तो उसमें भी मत रखता हूं.
सवाल – मंत्री होते हुए भी आप खुद ही टॉयलेट साफ करते हैं. कभी बिजली की पोल पर चढ़कर तार ठीक करते नजर आते हैं. इसका क्या कारण है?
जवाब – ये हमारा कर्तव्य है. विधानसभा क्षेत्र के लोग मेरे परिवारजन हैं. जब वो किसी मुसीबत में होते हैं तो मुझे उनकी मदद के लिए आगे आना पड़ता है. इससे मुझे उर्जा मिलती है जिससे मैं और उर्जा के साथ इस काम को कर पाता हूं.
सवाल – आउटसोर्ट कर्मचारियों के लिए क्या योजनाएं हैं.
जवाब – उर्जा मंत्री बनने के बाद जोखिम भत्ता लागू किया गया है. हालांकि अभी ये पर्याप्त नहीं है. आउटसोर्ट कर्मचारियों की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है. इसके लिए सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध करवाए जाते हैं. विभाग में नियमित कर्मचारियों की संख्या ज्यादा हो इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
सवाल – बिजली विभाग में नियमित भर्ती कब की जाएगी?
जवाब – 2000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है. इस तरह की भर्तियां हर विभाग में की जा रही हैं. प्रदेश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरी मिले इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.
उर्जा मंत्री अपने विभाग को लेकर किन रणनीतियों पर काम कर रहे हैं, जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो.