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GOLD : विंध्य की धरती में दबा है हजारों करोड़ का सोना, निकालने में लगेंगे दो साल, मालामाल हो जाएगा यह जिला

विंध्य प्रदेश के सिंगरौली (Singrauli) जिले में सोने के बड़े भंडारण (Underground Gold) का पता चला है. यह पूरा इलाका पहाड़ी है. जनसंख्या घनत्व कम होने के कारण यहां पर सोने की खुदाई में ज्यादा समय नहीं लगेगा. यह पहाड़ चितरंगी तहसील के सिल्फोरी और सिधार गांव के पास है. अगल-बगल दो राजस्व गांवों से जुड़ा यह इलाका जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर स्थित है.

बता दें कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में पिछले दो साल से सोने की खोज की जा रही थी. ऐसे में अब मध्यप्रदेश की धरती से हीरे के बाद सोना निकलना भी शुरू हो जाएगा. सोने की खुदाई (Gold Mine) का काम हरियाणा के गुरुग्राम की मेसर्स कुंदन गोल्ड माइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है. यह कंपनी सिंगरौली जिले के चितरंगी के ग्राम मेड़वा में गुरहर पहाड़ी पर खनिजपट्टा ब्लाक पर 149.30 हेक्टेयर में सोने की खोज 20 मार्च 2026 तक करेगी.

4 साल पहले हुआ था सर्वे
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने सिंगरौली जिले में सोने की खदानों का सर्वे 4 साल पहले किया था. अपनी रिपोर्ट में GSI ने बताया था कि यहां जमीन के अंदर 7.29 मिलियन टन सोने के अयस्क हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक सिंगरौली की गुड़हर पहाड़ी पर मिले सोने के भंडार से 1 टन पत्थर निकालने पर 1.03 ग्राम सोना मिलने का अनुमान है.

6 हजार करोड़ रुपए का मिलेगा राजस्व
जानकारों की मानें तो सिंगरौली में सोने की इस खदान से प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में एक बड़ा मुनाफा प्राप्त होगा. गुड़हर की खदान क्षेत्र से लगभग 6 हजार करोड रुपए से अधिक का राजस्व लाभ होगा.

कौन निकालेगा सोना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यदि कंपनी सोने की खोज में सफल होती है तो फिर उसे ही सोना निकालने का और भंडारण का अधिकार मिल जाएगा. यह पट्टा पिछले महीने 6 मई 2024 को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया था. पट्टा मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने कंपनी को दो दर्जन बोर होल करने की भी अनुमति दी है.

सोने की इस खदान की पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो.