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विंध्य की बदहाल शिक्षा, जर्जर इमारतों में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, कब मिलेगा उनको हक?

मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू की गई थी. हालांकि, सरकारी स्कूलों में छात्र खराब बुनियादी ढांचे और शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में विंध्य (Vindhya) का नाम बहुत गौरव के साथ लिया जाता है. देश में चुनाव हो या फिर कोई बड़ी परीक्षा, विंध्य उसमें अपना नाम अवश्य ही दर्ज करवाता है. लेकिन यहां की सरकारी स्कूलों (Govt schools) की बात करें तो खराब शिक्षा व्यवस्था (poor education) के चलते उनके हालात खस्ता हैं. डिजिटल इंडिया के दौर में बच्चों को पढ़ाई की मूलभूत सुविधा भी ठीक से नहीं मिल पा रही है. हालांकि सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी कराई जाती है. ऐसे में सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने न भी आयें तो खाना खाने आ ही जाते हैं.

चिंता की बात ये है कि, मध्यप्रदेश सरकार को बच्चों की फिकर ही नहीं है. अगर होती तो मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में 81249 पद खाली न होते. वहीं विंध्य के स्कूलों की बात करें तो यहां 13197 पद खाली हैं. खाली पदों पर परमानेंट भर्तियां कब होंगी, इसका जवाब शायद सरकार के पास भी नहीं है. इसीलिए मध्यप्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूलों में पढ़ाई करवा रही हैं.

जल्दर प्राथमिक स्कूल का हाल
रीवा जिले के गुढ़ तहसील में जल्दर प्राथमिक शाला 1997 से संचालित है. दो कमरें में संचालित इस स्कूल की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं. पहली से पांचवी तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए उधड़े हुए ब्लैक बोर्ड लगे हैं. स्कूल में दर्ज स्टूडेंट की संख्या 24 है. लेकिन बहुत कम बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए आते हैं. बताया गया कि बारिश के कारण बच्चे अपने मां-बाप के साथ खेतों में काम कर रहे हैं.

एक शिक्षिका के भरोसे है यह स्कूल
जल्दर प्राथमिक शाला में अंग्रेजी, गणित, हिंदी और पर्यावरण पढ़ाने वाली एक ही शिक्षिका है. सुविधा के नाम पर यहां बच्चों को जमीन पर बैठ कर पढ़ना होता है. लगभग सभी गांवों में स्कूलों के यही हालात हैं. हेडमास्टर के तौर पर नियुक्त शिक्षक का कहना है कि हम कागजों पर सभी काम पूरा कर रहे हैं, बजट आने पर स्कूल की मरम्मत की जाएगी.

8 महीनों में नहीं सुधरे हालात
पिछले साल अक्टूबर में भी इस स्कूल की पड़ताल करने विंध्य फर्स्ट की टीम पहुंची थी. बीते 8 महीनों में इस स्कूल के हालात दुरुस्त नहीं हुए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विंध्य के बच्चों के साथ यह सौतेंला व्यवहार कब खत्म होगा. कब उन्हें स्मार्ट क्लास के साथ अच्छे शिक्षक मिल सकेंगे.

जल्दर प्राथमिक स्कूल का हाल जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो.