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पैक्ड फ्रूट जूस से स्वास्थ्य पर क्या होता है असर, क्यों नहीं पीना चाहिए हेल्थ ड्रिंक

स्वास्थ्य (Health) ही मनुष्य का असली धन है. खुद को फिट रखने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं. कई लोग अपने हेल्थ को मेन्टेन करने के लिए मार्केट में मिलने वाले पैक्ड फ्रूट जूस (Packed Fruit Juice) का इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में मिलने वाला यह फ्रूट जूस आपके स्वास्थ्य पर क्या असर दिखाता है.

गर्मियों का मौसम शुरू होते ही पैकेट वाले जूस का चलन काफी बढ़ जाता है. कंपनी इसे हेल्थ ड्रिंक (Health Drinks) के नाम से बेचती हैं. इसे खरीदने वाले काफी कम लोग ये जानते हैं की मार्केट में मिलने वाले ये ड्रिंक्स रियल फ्रूट जूस से नहीं बल्कि फ्लेवरर्ड (flavoured) शुगर से बने होते हैं. यानी की अगर आप 250 ml जूस पीते है तों आप लगभग 6 चमम्च चीनी का सेवन कर लेते है.

आर्टि‍फ‍िश‍ियल कलर का होता है इस्तेमाल
बता दें कि पैकेट वाले जूस में आर्टि‍फ‍िश‍ियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है. यह डायब‍िटीज की समस्‍या को बढ़ा सकता है. इन जूस में फलों के बजाए शुगर कॉर्न सिरप और फ्रुक्टोज मिलाया जाता है. यह हेल्थ के लिए हानिकारक होता है.

ICMR की स्टडी
इंडियन काउंसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का यह दावा है की अगर हम पैकेट वाले जूस का सेवन कर रहे है तो हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ICMR के मुताबिक जूस में फ्रूट की जगह ढेर सारी चीनी और आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए जाते हैं. शुगर-फ्री टैग के साथ मिलने वाले ये जूस रिफाइंड फैट, प्योरीफाइड आर्टिफिशियल न्यूट्रिएंट्स और शुगर का मिश्रण होते हैं.

पैक्ड फ्रूट जूस के साइडइफेक्ट्स
पैक्ड फ्रूट जूस के कई साइडइफेक्ट्स होते हैं. इससे एसिडिटी, पेट दर्द, डायरिया जैसी की समस्या हो सकती है. इनमें प्र‍िजर्वेट‍िव्‍स पाए जाते हैं, जो शरीर में फैट को बढ़ाने का काम करते हैं. पैक्ड और फ्लेवर्ड फ्रूट जूस में कैडमियम, कार्बनिक, आर्सेनिक और मरकरी पाया जाता है, जो बच्‍चों की हेल्थ के लिए खतरनाक होता है.

पैक्ड फ्रूट जूस के जगह फल का करें इस्तेमाल
पैक्ड फ्रूट जूस का सेवन करने के बजाए आप अपने घर में फलों का जूस तैयार कर सकते है जो की आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है. ध्यान रखे ठेलों पर मिलने वाले फलों के जूस से भी बचे क्यूंकि इनमें हाईजीन (hygiene) से जुडी समस्या हो सकती है. कोशिश करें की फ्रूट जूस के बजाए डायरेक्ट फलों का ही इस्तेमाल करें. इसमें रेशे होते हैं.