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अमृतकाल में भी MP के इटार-पहाड़ में लोग पानी की एक बूंद के लिए मोहताज

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक धरती पर रहने वाला हर दूसरा इंसान पानी की गंभीर Scarcity झेल रहा है. पूरा देश जहां एक ओर Extreme heat के दौर से गुजर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर दिन व दिन पानी की बढ़ती Scarcity ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. 12 हजार की आबादी वाले इटार-पहाड़ के पहाड़ी इलाके में आजादी के 70 साल बाद भी लोग पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं. यहां Water problem आज से नहीं बल्कि कई सालों से जस की तस बनी हुई है. पानी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ता है. तब जाकर कहीं 2, 4 डिब्बा पानी मिलता है.

Water problem का मुआयना करने विंध्य फर्स्ट की टीम रीवा जिले के कई गांवों में पहुंची. जहां इटार-पहाड़ निवासी 75 साल की रधिया साकेत मिली. रधिया बताती हैं कि इटार-पहाड़ में पानी की इतनी ज्यादा किल्लत है कि यहां लोग 2 किलोमीटर दूर से पानी लेने जाते हैं. रधिया कहती हैं कि युवा तो किसी कदर दूर से भी पानी ला सकते हैं, लेकिन जिनके हाथ पैर नहीं चलते वो इतनी दूर से पानी लेने कैसे जा सकता है. रधिया की मदद के लिए कोई नहीं है इस उम्र में उनके अंदर इतनी ताकत नहीं है कि वो 2 किलोमीटर दूर जाकर पानी ला सकें.

इटार-पहाड़ में पानी के किल्लत कि ये कोई पहली कहानी नहीं है जब लोग पानी के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं. रधिया के घर से थोड़ी ही दूर पर 87 साल के बिहारी बंसल रहते हैं. बिहारी के हालात ये हैं कि वो ठीक से चल तक नहीं पाते. उनके बुढ़ापे तक का कोई सहारा नहीं है, लेकिन उसके बावजूद बिहारी 2 किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं. क्योंकि अगर बिहारी अपने पीने के लिए पानी नहीं लाते तो उन्हे प्यासे ही रहना पड़ेगा, इसलिए बिहारी पहाड़ उतर कर गांव पानी भरने जाते हैं. बिहारी कहते हैं कि चुनाव के समय सब वोट मांगने के लिए आते और जब वोट दे दो तो फिर हम गरीबों की कभी याद करते हैं.

गुढ़ तहसील का इटार-पहाड़ पूरा पहाड़ी इलाका है. यहां पानी कि समस्या आज की नहीं बल्कि कई सालों से चली आ रही है. जुलाई से लेकर दिसंबर तक इटार-पहाड़ के लोगों को आसानी से पानी मिल जाता है. लेकिन जैसे ही गर्मी का सीजन शुरू होता है वैसे ही यहां के लोगों को पानी के लिए भटकने लगते हैं. इतने सालों में सरकारें तो कई आई लेकिन यहां के लोगों के लिए न के बराबर. सरकार बदलने के साथ-साथ कई योजनाएं भी आई है लेकिन अफसोस वो महज कागजों पर ही सीमित रह गई पानी की समस्या यहां आज भी जस की तस बनी हुई है.

देखिए इस वीडियो में इटार-पहाड़ जल संकट की कहानी ||