अक्सर आपने अपने शहरों में बड़ी बड़ी होर्डिंग (Hoarding), बिलबोर्ड और गैंट्री (Gantry) देखी होंगी. इनको लगाने का उद्देश्य ब्रांड प्रमोशन करना होता है. नगर निगम (Nagar Nigam) और नगर पालिका के माध्यम से इन होर्डिंग और गैंट्री को लगाने का टेंडर निकाला जाता है और फिर किसी व्यक्ति या फर्म को इसे लगाने का काम मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये होर्डिंग जानलेवा भी हो सकती है. फर्म या ठेकेदार के द्वारा इन होर्डिंग को कैसे मनमाने तरीके से बड़ा करके लगाया जाता है. इतना ही नहीं जिस जगह के लिए टेंडर निकलता है उसमें भी मनमाने तरीके से ज्यादा मुनाफे के लिए बदलाव कर लिया जाता है. अब समझते हैं कैसे होता है ये पूरा खेल.
गर्मी के मौसम में कई बार तेज आंधी और तूफान चलने से घटनाएं होती हैं. ऐसी ही एक घटना मुंबई में 13 मई को हुई. मुंबई में होर्डिंग (Mumbai Hoarding Incident) गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई जबकी 75 लोग घायल हो गए. इसी घटना से मिलती जुलती एक घटना विंध्य क्षेत्र के रीवा में साल 2020 में हुई थी जिसमें होर्डिंग गिरने से एक बैंक मैनेजर की मौत हो गई थी. बाद में मामले की पड़ताल हुई और होर्डिंग लगाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. ठीक वैसे ही जैसे की मुंबई में होर्डिंग गिरने की घटना के बाद कंपनी के मालिक भावेश भिंडे को गिरफ्तार किया गया.
कैसे होती है नियमों की अनदेखी
होर्डिंग्स के लिए जब टेंडर निकाले जाते हैं तो उसके लिए साइज और जगह पहले से निर्धारित रहती है. जैसे मुंबई में जो होर्डिंग गिरा उसकी साइज नागरिक निकाय के 40×40 वर्ग फ़ुट के नियम का पालन नहीं कर रही थी. पेट्रोल पंप के बगल में 120×120 वर्ग फ़ुट का ये होर्डिंग लगाया गया था जो तेज हवा में गिर गया. इसके अलावा हर साल इन होर्डिंग के रखरखाव और मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी टेंडर पाने वाली कंपनी की ही होती है. ऐसे में जब इनका उचित मेंटिनेंस नहीं किया जाता है और फिटनेस सर्टीफिकेट भी नहीं जमा किया जाता है तो आंधी तूफान आने पर यही होर्डिंग्स और गैंट्री मौत का कारण बनती हैं.
रीवा में 64 होर्डिंग लगाने का टेंडर
रीवा में 64 स्थानों में होडिंग लगाने के लिए टेंडर निकाला गया था. इन होर्डिंग को आउटडोर मीडिया नियमों के अनुसार लगाया जाना तय किया गया था. सिर्फ चिन्हित स्थानों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जाती है. लेकिन कई बार निजी स्वार्थ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की शह पर बड़ी साइज की होर्डिंग सड़क के बिल्कुल बगल में लगा दी जाती है. हर साल एक बार नगर नियम के द्वारा रिमाइंडर भी दिया जाता है जिससे कांट्रैक्टेड टेंडर रिपोर्ट करें की लगे हुए ये होर्डिंग सुरक्षित हैं या नहीं.
क्या कहता है नियम
जितने भी होर्डिंग नगर निगम क्षेत्र में लगाए जाते हैं. वो आउटडोर मीडिया नियमों के अनुसार लगाए जाते हैं. होर्डिंग लगाने वाली संस्था की जिम्मेदारी होती है कि वह होर्डिंग इस प्रकार लगाए कि विषम परिस्थितियों में इससे कोई घटना ना हो. अवैध होर्डिंग के ऊपर कार्यवाही, आउटडोर मीडिया नियम और संपत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत करने का प्रावधान है.