नेशनल इलिजिबिलिटी कम इंट्रेस टेस्ट यानी NEET पास करने वाले स्टूडेंट को बेहतर मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है. लेकिन इस बार नीट टॉपर लिस्ट (NEET TOPPER LIST) में शामिल बहुत से स्टूडेंट्स को हो सकता है देश के टॉप मेडिकल कॉलेज AIIMS में एडमिशन ना मिल पाए. इसका कारण हैं वो 67 स्टूडेंट जिन्होंने NEET परीक्षा में पहली रैंक हासिल की है यानी उन्हें 720 में 720 नंबर मिला. ऐसा पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने पूरे सौ फ़ीसदी नंबर हासिल किए हैं. इसके अलावा नीट का रिजल्ट (Neet results 2024) अपनी तय तारीख से 10 दिन पहले यानी 4 जून, 2024 को जारी किया गया था.
इसके बाद से ही नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगना शुरू हो गया. दरअसल, टॉप रैंक पर आने वाले 67 बच्चों में 6 ऐसे हैं जिन्होंने हरियाणा के एक ही एग्जाम सेंटर पर एग्जाम दिया था. परीक्षा की मार्किंग स्कीम के लिहाज़ से भी बच्चों को मैथमेटकली गलत नंबर मिले हैं. हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA ने परीक्षा में किसी तरह की धांधली के आरोपों से इनकार किया है.
NTA का कहना था कि उसने 1563 कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए हैं क्योंकि उन्हें परीक्षा के लिए कम समय मिला था. हैरान करने वाली बात यह है कि NEET में दो स्टूडेंट्स को 718 और 719 नंबर मिले हैं, जो संभव ही नहीं है. साल 2022 में किसी भी छात्र ने पूरे नंबर हासिल नहीं किए थे.
फिर से परीक्षा कराने की हो रही मांग
नीट एग्जाम में शामिल होने वाले कई स्टूडेंट्स परीक्षा फिर से आयोजित कराए जाने की मांग कर रहे हैं. देश की कई अदालतों में इसे लेकर मुक़दमे भी दायर किए गए हैं. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट में भी मामला पहुंच चुका है. 17 मई को अदालत ने ऐसी ही एक याचिका के तहत नोटिस जारी किया था लेकिन अदालत ने कहा था कि इसकी सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद की जाएगी.
10 दिन पहले जारी हो गया रिजल्ट
नीट परीक्षा का आयोजन 5 मई को कराया गया था. इसमें 23.33 लाख बच्चे शामिल हुए थे. इसका रिजल्ट 14 जून को जारी होना था लेकिन 10 दिन पहले 4 जून को ही रिजल्ट जारी कर दिया गया. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 6 जून को एक प्रेस रिलीज़ जारी कर, इन तमाम आरोपों से इनकार किया. NTA ने अपने जवाब में कहा जल्द से जल्द परिणाम घोषित करना एक तय प्रक्रिया है. इस बार NTA ये काम 30 दिनों के भीतर कर पाई है.
क्वॉलिफ़ाइंग स्कोर में इजाफा
इस साल नीट का क्वॉलिफाइंग स्कोर काफी बढ़ गया है. पिछले तीन सालों में नीट परीक्षा का क्वॉलिफ़ाइंग स्कोर 130 था जबकि इस साल ये बढ़कर 164 हो गया है.
क्यों मिले 720 में 720
बता दें कि कुछ परीक्षार्थियों ने अदालत में याचिका लगाकर कहा था कि, परीक्षा देर से शुरू हुई थी. ऐसे में NTA ने सेंटर की सीसीटीवी फ़ुटेज देखकर और अधिकारियों से बातचीत करने के बाद इन परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए. सुप्रीम कोर्ट के कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के फॉर्मूले के आधार पर नंबर दिया गया. यही कारण है कि कुछ स्टूडेंट्स को 718 जैसे नंबर मिले. इसके अलावा 720 अंक पाने वाले 6 स्टूडेंट ऐसे हैं जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले हैं. इसके अलावा 44 अन्य छात्र जिन्होंने 720 मार्क्स पाए, उन्हें फ़िजिक्स के एक प्रश्न के उत्तर के लिए रिविज़न मार्क्स दिए गए हैं.