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रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: गर्भवती महिलाओं के खाने से खिलवाड़, वायरल हुआ वीडियो

रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: गर्भवती महिलाओं के खाने से खिलवाड़, वायरल हुआ वीडियो

रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: गर्भवती महिलाओं के खाने से खिलवाड़, वायरल हुआ वीडियो

रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: रीवा जिले में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए तैयार किए जाने वाले पोषण आहार को अस्वच्छ तरीके से पैरों तले रौंदा जा रहा था. एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक सड़े-गले अनाज को पैरों से रौंदकर मशीन में डाल रहा है. यह मामला पहाड़िया स्थित टेक होम राशन (THR) प्लांट से जुड़ा है, जहां से जिले की सभी आंगनवाड़ियों को पूरक पोषण आहार की सप्लाई की जाती है.

प्रशासन ने शुरू की जांच

वीडियो सामने आने के बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल ने तुरंत जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा,“पहाड़िया THR प्लांट से जुड़ी शिकायत मिली है. मैंने जिला पंचायत के सीईओ को निर्देश दिए हैं कि वे मौके पर जाकर निरीक्षण करें और पुष्टि करें कि किस तरह का पोषण आहार तैयार किया जा रहा है तथा किस प्रकार का अनाज उपयोग में लिया जा रहा है.”

महिला सशक्तिकरण के नाम पर धोखा?

इस प्लांट को स्थानीय महिला समूहों द्वारा संचालित किया जाता है. इसका उद्देश्य महिलाओं को रोजगार देने के साथ-साथ उन्हें सशक्त बनाना भी था. लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह योजना वास्तव में गरीबों की मदद कर रही है या फिर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है.

रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: गर्भवती महिलाओं के खाने से खिलवाड़, वायरल हुआ वीडियो
रीवा आंगनवाड़ी पोषण आहार कांड: गर्भवती महिलाओं के खाने से खिलवाड़, वायरल हुआ वीडियो

क्या हो सकती है आगे की कार्रवाई?

जिला पंचायत के सीईओ द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने के बाद प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा. संभावना है कि दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. साथ ही, प्लांट के संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं.

सवाल जो अब भी अनुत्तरित हैं

  1. क्या यह पहली बार हुआ है या लंबे समय से ऐसी लापरवाही चल रही थी?
  2. क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पहले कभी इसकी शिकायत नहीं की?
  3. क्या सरकारी निगरानी प्रणाली इतनी कमजोर है कि ऐसे मामले सामने आने के बाद ही कार्रवाई होती है?

यह मामला सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर खामियों को उजागर करता है. गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण के साथ यह खिलवाड़ न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है. अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं.

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